नैनीताल: प्रदेश में प्रवक्ता पदों की प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों के रिक्त चल रहे पदों पर नियुक्ति हो सकेगी। हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई के बाद आदेश दिए हैं। न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने अपर सचिव माध्यमिक शिक्षा के 31 जनवरी 18 को जारी आदेश को निरस्त कर दिया है। इस आदेश में कहा गया था कि नियुक्ति प्रक्रिया को दो साल से अधिक होने पर प्रतीक्षा सूची पर विचार नहीं किया जा सकता है।
मामले के अनुसार, उधमसिंह नगर के रुद्रपुर निवासी दिवान सिंह व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि प्रदेश में लोक सेवा आयोग ने 6 जनवरी 2015 को विभिन्न विषयों के प्रवक्ता पदों में भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे। इसमें 1056 प्रवक्ता पद रिक्त दिखाए गए थे। लेकिन 109 पुरुष तथा 31 महिला प्रवक्ता के पद पर नियुक्ति नहीं हो सकी। जबकि प्रतीक्षा सूची बनाने का प्राविधान है। लेकिन अपर सचिव माध्यमिक शिक्षा ने 31 जनवरी 2018 को के पत्र में 2 साल का समय बीत जाने पर प्रतीक्षा सूची के तहत नियुक्ति नहीं होने की जानकारी दी गई। अपर सचिव की ओर से 6 दिसंबर 17 को जारी पत्र में सफल अभ्यर्थियों को कार्यभार ग्रहण करने के लिए गत 13 दिसंबर 17 तक का समय भी दिया गया है। कोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया से दो साल की अवधि के आंकलन को गलत ठहराया है। प्रतीक्षा सूची नियुक्ति के लिए सरकार को भेजने के लिए आयोग के निर्देश दिए हैं। सरकार से दो महिने में इस पर आगे प्रक्रिया सुनिश्चित करने को कहा है।