बागेश्वर: विगत कुछ दिनों से गरुड़ तहसील में अतिवृष्टि होने से गोमती नदी अपने रौद्र रूप में आ गयी। जिसका कहर व निशान अब पानी कम होने पर दिख रहा है। नदी के तेज बहाव के चलते बैजनाथ मंदिर की सुरक्षा दीवार क्षतिग्रस्त हो गयी। जिससे बैजनाथ मंदिर खतरे की जद में आ गया है। साथ ही झील की साईड रेलिंग पिलर क्षतिग्रस्त हो गए।
गोमती नदी के तट पर स्थित प्रसिद्ध बैजनाथ मंदिर कत्यूरी शासकों के समय का है। यह मंदिर शिल्प कला का अदभुत नमूना है। लेकिन ज़िला प्रशासन तहसील प्रशासन की लापरवही के चलते मंदिर कभी भी भविष्य में आपदा की जद में आ सकता है। मंदिर के समीप बहने वाली गोमती नदी का रीवर चैनललाइजनिंग नहीं होने से नदी का रुख मंदिर की तरफ हो गया है। जिससे विगत दिनों गोमती नदी के उफान पर आने से मंदिर की सुरक्षा दीवार ध्वस्त हो गयी है। वहीं पुरातत्व विभाग ने जिलाधिकारी को पत्र भेज कर जल्द से जल्द नदी का रीवर ट्रेनिंग करने व मंदिर की सुरक्षा दीवार को सही करने की मांग की है। वहीं जिलाधिकारी का कहना है कि मंदिर का स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश दे दिए गए हैं। जल्द ही क्षतिग्रस्त दीवार को सही करा दिया जाएगा। साथ ही नदी के रुख़ को बदलने के लिए रीवर ट्रेनिंग भी करवाया जाएगा।