देहरादून: केदारपुरम के आंगनवाड़ी सेंटर में अम्मा की स्मृतियों से संबंधित कार्यक्रम ‘पोषण माह’ के अंतर्गत मनाया गया। जिसमें क्षेत्र की सभी महिलाएं व बच्चे सम्मिलित हुए। इस कार्यक्रम द्वारा जनसामान्य तक उन खाद्य सामग्रियों की जानकारी पहुंचाना है, जो कि अब धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं। इसमें बुजुर्गों द्वारा बताए व्यंजनों को बनाकर एक संदेश समाज को देने की कोशिश की गई कि, मोटे अनाजों का प्रयोग अपने खान-पान में बहुतायत करना चाहिए। जो कि स्वास्थ्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम में पहाड़ी व्यंजन, जैसे रोट, अड़सा, झंगोरा की खीर, झंगोरा की कढ़ी, मक्की की रोटी, गहत की रोटी, आटे का हलवा, फांडू आदि व्यंजन सम्मिलित किए गए। कार्यक्रम में विभाग की निदेशक झरना कमठान, बाल विकास परियोजना अधिकारी क्षमा बहुगुणा, सुशीला रावत, राष्ट्रीय पोषण मिशन की राज्य समन्वयक प्रीति, क्षेत्र की सुपरवाइजर बीना असवाल, महिला शक्ति केंद्र की महिला कल्याण अधिकारी सरोज ध्यानी, वन स्टॉप सेंटर की केस वर्क रेखा भंडारी व क्षेत्र की आंगनवाड़ी व सहायिका मौजूद रही।