हरिद्वार: जनपद में जिला आबकारी अधिकारी को शराब की फैक्ट्री को पकड़ना काफी महंगा पड़ गया है। दरअसल, रानीपुर कोतवाली में शराब माफिया के साथ काम करने वाले राजा ने जिला आबकारी के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें उसने जिला आबकारी पर मारपीट और डराने धमकाने का झूठा आरोप लगाया है।
मामले के अनुसार 25 जुलाई को मुखबीर की सूचना पर जिला आबकारी हरिद्वार द्वारा वैध मदिरा की तसकरी एवं अवैध रूप से निर्मित कची शराब की रोकथाम के विरूद्ध ग्राम सबेलपुर में दबिश दी गई, जिसमें राजा पुत्र अशरफ निवासी ग्राम सलंमपुर को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान भारी मात्रा में बोतल अदधे एवं पव्वों के ढक्कन एवं स्फ्रिट तैयार मदिरा बरामद की गई। वहीं गिरफ्तार अभियुक्त ने मडिया के सामने रानीपुर कोतवाली पुलिस को घूंस देकर ये धंधा चलाने की बात कही गई। वहीं, विभाग द्वारा अभियुक्त को गिरफतार कर लिया गया। वहीं, अभियुक्त के जमानत के करीब एक हफ्ते बाद पुलिस ने खुद पर लगे आरोपों को दूर करने के लिए जिला आबकारी पर अभियुक्त के साथ मारपीट और डराने धमकाने का झूठा आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस और शराब माफिया की इस करतूत के बाद शरब तस्करों के हौसले बुलंद होते नजर आ रहे है।
मामले में आबकारी आयुक्त ने कहा की जिला आबकारी अधिकारी प्रशांत कुमार के खिलाफ पुलिस गलत कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि इस तरह की बेवजह की कार्रवाई से शराब माफिया के हौसले बुलन्द हो रहे हैं। डीएम को लिखे पत्र में कहा गया है की इस तरह की हरकतों से शराब तस्करी में बढ़ोतरी हो सकती है। काम करने वाले अधिकारीयों का हौसला भी टूटता है।