नई दिल्ली: दिल्ली की हिंसा में बेकसूर हवलदार रतन लाल मारे गए। बवाल में बेकसूर पति के शहीद होने की खबर सुनते ही पत्नी पूनम बेहोश हो गई। खबर सुनकर घर के बाहर जुटी भीड़ को चुपचाप निहार रही सिद्धि (13 साल), कनक (10 साल) और राम (8 साल) की भीगी आंखों में दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से सवाल था कि हमारे पापा का कसूर क्या था? रतन लाल दिल्ली पुलिस के वही हवलदार थे, जिनका कभी किसी से लड़ाई-झगड़े की बात तो दूर, ‘तू तू मैं मैं’ से भी वास्ता नहीं रहा। इसके बाद भी सोमवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली के दयालपुर थाना क्षेत्र में उपद्रवियों की भीड़ ने उन्हें घेर कर मार डाला।