देहरादून:नैनीताल हाईकोर्ट के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में दो से अधिक बच्चों वाले प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने की अनुमति के संबंध में दिए गए निर्णय को प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि सरकार हाईकोर्ट के निर्देश मिलने का इंतजार कर रही है। न्याय विभाग से परामर्श लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी जाएगी।
प्रदेश सरकार ने इस वर्ष पंचायती राज अधिनियम में संशोधन करते हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में प्रत्याशियों की योग्यता के लिए मानक तय किए थे। इसमें दो से अधिक बच्चों के होने पर प्रत्याशी को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिया गया था। इसके अलावा इसमें प्रत्याशियों की पद के हिसाब से शैक्षिक योग्यता भी तय की गई। हालांकि, सरकार को पार्टी के भीतर भी इस मसले पर सहमति बनाने में खासा वक्त लगा।संशोधित अधिनियम के बाद विपक्ष कांग्रेस समेत अन्य लोगों ने इसका विरोध किया और इसके कई बिंदुओं पर सवाल उठाते हुए इसमें संशोधन की मांग की। सरकार द्वारा कोई कदम न उठाने पर कई लोगों ने हाईकोर्ट की शरण ली। अब हाईकोर्ट ने संशोधित अधिनियम के प्रावधानों को 25 जुलाई 2019 के बाद से लागू मानने की बात कही है। इससे दो से अधिक बच्चों वालों के लिए चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट का निर्णय मिलते ही शासन में हलचल शुरू हो गई थी। पंचायत राज मंत्री अरविंद पांडेय ने आला अधिकारियों के साथ इस विषय पर मंथन किया।
मुख्यमंत्री कार्यालय को भी इसका अपडेट दिया गया। देर शाम तक सरकार ने हाईकोर्ट के इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का मन बना लिया। पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडेय का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश की जानकारी मिली है लेकिन अभी आदेश नहीं मिला है। कोर्ट के निर्णय का पूरा अनुपालन किया जाएगा। हालांकि, आदेश की प्रति मिलने के बाद इस मसले पर न्याय विभाग से परामर्श लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट की शरण ली जाएगी।