दिल्ली/टिहरी : उत्तराखंड के पंकज सेमवाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया है। यह देश का सर्वोच्च बाल सम्मान है। पंकज सेमवाल और वीरता पुरस्कार हासिल करने वाले सभी बच्चों को पीएम मोदी के आवास पर बुलाया गया था।
गौरतलब है कि अपनी मां और भाई-बहन को बचाने के लिए पंकज ने अपने प्राणों की परवाह नहीं की और वह गुलदार से भिड़ गया। छोटी उम्र में इस असाधारण कार्य के लिए पंकज को वीरता पुरस्कार के लिए चुना गया था। पीएम मोदी ने पंकज सेमवाल समेत सभी वीर बालकों को राष्ट्रीय वीरता मेडल पहनाया। इसके अलावा हर बच्चे को 20 हजार रुपये का चेक और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर होने वाली परेड में सभी वीर बालकों को शामिल किया जाएगा।
यह घटना 10 जुलाई 2016 की है, जब पंकज की मां बिमला देवी घर के आंगन में थी। उस वक्त पंकज, उनका छोटा भाई और उनकी बहन भी वहीं मौजूद थी। इस दौरान गुलदार ने पंकज की मां पर हमला कर दिया। मां की चीख सुनकर पंकज वहां दौड़ा और बिना डरे तेंदुए पर टूट पड़ा। पकंज ने गुलदार का बहादुरी से सामना किया जिसके बाद तेंदुआ उनकी मां को छोड़कर भाग गया।
पंकज सेमवाल की वीरता से प्रभावित होकर पीएम मोदी ने ट्विट करते हुए कहा कि, उत्तराखंड के पंकज सेमवाल हमारा गौरव है और वह प्रचुर साहस के लिए वास्तव में धन्य है।
Uttarakhand’s Pankaj Semwal is our pride. He is indeed blessed with abundant courage. pic.twitter.com/wRva0cS4bC
— Narendra Modi (@narendramodi) January 24, 2018