नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मन की बात कार्यक्रम में पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि अब यह तय हो चुका है कि हमारे सैनिक उन सबको मुंहतोड़ जवाब देंगे जो हमारे राष्ट्र में शांति और उन्नति के माहौल को नष्ट करने का प्रयास करेंगे। पीएम ने कहा, हम शांति पर विश्वास करते हैं लेकिन, आत्मसम्मान की कीमत पर कतई नहीं। सर्जिकल स्ट्राइक और सेना के जवानों के पराक्रम को याद करते हुअए पीएम मोदी ने कहा कि पराक्रम पर्व जैसा दिवस युवाओं को हमारी सशस्त्र सेना के गौरवपूर्ण विरासत की याद दिलाता है और देश की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने के लिए हमें प्रेरित भी करता है। उन्होंने कहा कि भारत सदा ही शांति के प्रति वचनबद्ध और समर्पित रहा है।
पीएम मोदी ने नेवी अधिकारी अभिलाष टॉमी का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले दिनों नेवी के हमारे एक अधिकारी अभिलाष टॉमी अपने जीवन और मृत्यु की लड़ाई लड़ रहे थे। मैंने अभिलाष से टेलीफोन पर बात की, इतने संकट से बाहर आने के बाद भी उनका जो जज्बा था, हौसला था और फिर एक बार ऐसा ही कुछ पराक्रम करने का जो संकल्प उन्होंने बताया, देश की युवा-पीढ़ी के लिए वो हमारे देश की युवा-पीढ़ी को जरूर प्रेरणा देगी।
इससे पहले यूएन महासभा को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी पाकिस्तान को जमकर खरी-खोटी सुनाई थी। विदेश मंत्री ने कहा कि न्यूयॉर्क में 9/11 की घटना और मुंबई में 26/11 की घटना ने शांति की उम्मीदों को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि भारत इसका शिकार हो रहा है और भारत में आतंकवाद की चुनौती हमारे पड़ोसी देश के अलावा किसी और से नहीं आ रही है। अपने संबोधन के दौरान सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान ऐसा देश है जिसे आतंकवाद फैलाने के साथ-साथ अपने किए को नकारने में भी महारथ हासिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को युद्ध के समय देश की रक्षा करने और आपदा राहत अभियानों में योगदान के लिए भारतीय वायुसेना की प्रशंसा की। मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम श्मन की बातश् में कहा, ष्वायुसेना का गठन 1932 में हुआ था। उस समय छह पायलट और 19 जवान थे लेकिन आज यह दुनिया की सबसे शक्तिशाली और बहादुर सेनाओं में शुमार है। उन्होंने कहा, देश की सेवा करने के लिए मैं तहे दिल से वायुसेना के योद्धाओं और उनके परिजनों का धन्यवाद करता हूं। आगामी वायुसेना दिवस के संदर्भ में उन्होंने 1947 से अब तक हुए विभिन्न युद्धों में वायुसेना के योगदान को याद किया। आठ अक्टूबर 1932 को गठित होने के कारण इस दिन वायुसेना दिवस मनाया जाता है।