नई दिल्ली: आज भारतीय थल सेना अपना 71वां आर्मी दिवस मना रही है। इसी मौके पर आज दिल्ली स्थित करियप्पा परेड ग्राउंड में परेड का आयोजन होगा। यहां कार्यक्रम में जनरल बिपिन रावत अदम्य साहस एवं वीरता के लिए सैन्य कर्मियों को वीरता पुरस्कारों से सम्मानित करेंगे। यह समारोह हर साल 15 जनवरी को जनरल केएम करिअप्पा के सम्मान में मनाया जाता है, जो आजाद भारत के पहले सेना प्रमुख बने थे।
वहीं इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सेना दिवस के अवसर पर सैनिकों को बधाई दी और कहा कि राष्ट्र को उनके समर्पण एवं साहस पर गर्व है। मोदी ने ट्वीट किया, “मैं उनके साहस एवं बहादुरी को नमन करता हूं।” उन्होंने कहा कि देशवासी सैनिकों के साहत एवं समर्पण पर गर्व महसूस करते है। 1949 में आज ही के दिन भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर के स्थान पर तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल के एम करियप्पा भारतीय सेना के कमांडर इन चीफ बने थे। इसीलिए हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है।
सेना दिवस के अवसर पर हमारे जवानों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। हम सभी देशवासियों को अपने सैनिकों के दृढ़ संकल्प एवं समर्पण पर गर्व है। मैं उनके अदम्य साहस एवं वीरता को प्रणाम करता हूं।
— Narendra Modi (@narendramodi) January 15, 2019
बता दें कि आज ही के दिन 1949 में फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान ली थी। करियप्पा भारतीय सेना के प्रथम कमांडर इन चीफ थे। इसके अलावा आज के दिन देश की सुरक्षा में शहीद होने वाले वीरों के साहस एवं उनकी उपलब्धियों को याद किया जाता है। आर्मी डे पर अलग अलग जगहों पर परेड होती है और सेना के शोर्य और पराक्रम को दिखाया जाता है। झांकियां निकाली जाती हैं। सेना में किन किन तोप, राइफल, मिसाइल को शामिल किया गया है उसका शक्ति प्रदर्शन होता है।
बता दें कि करिअप्पा को भारत का पहला सेना प्रमुख 15 जनवरी 1949 को बनाया गया था। करिअप्पा का जन्म कर्नाटक के कुर्ग परि में 28 जनवरी 1899 हुआ था। इतिहास में वो सिर्फ भारत के पहले सेना प्रमुख ही नहीं बल्कि वो फील्ड मार्शल का रैंक तक पहुंचे वाले भी पहले भारतीय थे। उन्होंने 1947 में पाकिस्तान से साथ हुए युद्ध में पड़ोसी देश के दांत खट्टे कर दिए थे। इसके बाद उन्होंने कई मोर्चों पर पाकिस्तान को मुंह की खिलाई थी।