नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलिस स्मारक दिवस के अवसर पर रविवार को स्वतंत्रता के बाद से पुलिस जवानों द्वारा दिर गए सर्वोच्च बलिदान के सम्मान में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक (एनपीएम) का उद्घाटन किया। पीएम मोदी पुलिस स्मारक दिवस के मौके पर शहीद पुलिस जवानों को श्रद्धांजलि दी और परेड में शामिल हुए। इस मौके पर पीएम मोदी ने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक देश को समर्पित कर दिया। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, चाणक्यपुरी में 30 फीट ऊंचा यह एकल पाषाण-स्तंभ देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बल और केंद्रीय पुलिस संगठनों का प्रतिनिधित्व करता है। इस स्मारक का निर्माण शांतिपथ के उत्तरी छोर पर चाणक्यपुरी में 6.12 एकड़ भूमि पर किया गया है। पुलिस स्मारक दिवस के मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, लाल कृष्ण आडवाणी और कई अन्य नेता मौजूद दिखे।
पीएम मोदी ने इस दौरान भारी मन से कहा कि आज मुझे राष्ट्रीय पुलिस मेमोरियल पर गर्व है, लेकिन कुछ सवाल भी हैं। आखिर इस मेमोरियल को अस्तित्व में आने में आज़ादी के 70 वर्ष क्यों लग गए। मैं मानता हूं कि कानूनी वजहों से कुछ वर्ष काम रुका, लेकिन पहले की सरकार की इच्छा होती, उसने दिल से प्रयास किया होता, तो ये मेमोरियल कई वर्ष पहले ही बन गया होता। लेकिन पहले की सरकार ने आडवाणी जी द्वारा स्थापित पत्थर पर धूल जमने दी? पीएम मोदी पुलिस, जवानों के काम, शहादत और उनके त्याग को याद करते हुए भावुक हो गये। पीएम मोदी ने कहा कि बहुतों को तो ये पता तक नहीं होता कि कोई इमारत गिरने पर, नाव हादसा होने पर, आग लगने पर, रेल हादसा होने पर, राहत के काम की कमान संभालने वाले ये लोग कौन हैं। आगे उन्होंने कहा कि देश के हर राज्य में, हर पुलिस स्टेशन, हर पुलिस चौकी में तैनात, राष्ट्र की हर संपदा की सुरक्षा में जुटे साथियों को, राहत के काम में जुटे साथियों को, आप सभी को, भी मैं बधाई देता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि आज का ये दिन देश में आपदा प्रबंधन में जुटे, किसी प्राकृतिक संकट के समय या हादसे के समय, राहत के काम में जुटने वाले उन जवानों को भी याद करने का है, जिनकी सेवा की बहुत चर्चा नहीं की जाती। उन्होंने कहा कि आज शहीदों को याद करने का दिन है। यह स्मारक शौर्य का प्रतीक है। पीएम मोदी ने पुलिस जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि आपके जो कर्तव्य हैं, उसे देखकर खुशी का भाव पैदा होता है। देश में अनेकता और अशांति फैलाने की साजिशों को नाकाम करने का काम आप सभी (पुलिसवाले) ने किया है। लोग शांति से सोते हैं, तो वह आपकी बदौलत है। पीएम मोदी ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट में डटे हमारे साथियों का शौर्य और बलिदान भी अब शांति के रूप में दिखने लगा है। शांति और समृद्धि का प्रतीक बन रहे हमारे उत्तर-पूर्व के विकास में आपका भी योगदान है।
देश के नक्सल प्रभावित जिलों में जो जवान अभी ड्यूटी पर तैनात हैं, उनसे भी मैं यही कहूंगा कि आप बेहतरीन काम कर रहे हैं और शांति स्थापना की दिशा में आप तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि आज उन वीरों को भी याद करने की जरूरत है, जिन्होंने अपने कर्मपथ पर चलते हुए अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया। पीएम ने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे राष्ट्र सेवा और समर्पण की अमर गाथा के प्रतीक,राष्ट्रीय पुलिस मेमोरियल को देश को समर्पित करने का अवसर मिला है। पीएम मोदी ने कहा कि देश की सुरक्षा में समर्पित प्रत्येक व्यक्ति को, यहां उपस्थित शहीदों के परिवारों को मैं पुलिस स्मृति दिवस पर नमन करता हूं। आज का ये दिन आप सभी की सेवा के साथ-साथ, आपके शौर्य और उस सर्वोच्च बलिदान को याद करने का है, जो हमारी पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स की परिपाटी रही है। साल 1959 में लद्दाख इलाके में चीन के हमले में शहीद हुए पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने श्रद्धांजलि दी।
1947 से अभी तक 34,844 पुलिस जवान शहीद हो चुके हैं जिनमें 424 पुलिस जवानों ने इसी वर्ष अपनी शहादत दी है। इनमें से कई बहादुर जवानों ने कश्मीर, पंजाब, असम, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम जैसे विभिन्न क्षेत्रों एवं देश के वाम चरमपंथ क्षेत्रों में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी जानें गवाई हैं। इसके अतिरिक्त, बड़ी संख्या में पुलिस के जवान अपराध रोकने एवं कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में शहीद हुए। एनपीएम ग्रेनाइट के एक टुकड़े से बनी केंद्रीय प्रस्तर प्रतिमा है जो 30 फीट ऊंचा पत्थर का खंभा है, जिसका वजन 238 टन है। इसका वजन और रंग सर्वोच्च बलिदान की गंभीरता का प्रतीक है। सभी 34,844 पुलिस जवानों के नाम शूरता की दीवार पर ग्रेनाइट पर उत्कीर्ण हैं। राष्ट्र के नाम एक पुलिस संग्रहालय भी समर्पित किया जाएगा। इसमें वे कलाकृतियां एवं समय-बिन्दु शामिल हैं जिन्होंने भारतीय पुलिस के इतिहास को आकार दिया। 1959 में चीनी सैनिकों द्वारा लद्धाख में हॉट स्प्रिंग्स में मारे गये पुलिस जवानों की याद में प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मारक दिवस मनाया जाता है।