नई दिल्ली: राफेल मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मोदी सरकार को लगातार घेरने में लगे हैं। इसी को देखते हुए आज एक बार फिर राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक ईमेल का जिक्र किया। ईमेल के सहारे राहुल ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि ये एक ईमेल है जो एयरबस कंपनी के एग्जीक्यूटिव ने लिखी है कि फ्रांस के डिफेंस मिनिस्टर के ऑफिस में अनिल अंबानी गए थे, जिसमें उन्होंने कहा कि पीएम मोदी आएंगे वो एक एमओयू पर हस्ताक्षर करेंगे। राहुल ने कहा कि डील के बारे में भारत के डिफेंस मिनिस्टर को नहीं पता, एचएएल को नहीं पता, लेकिन डील से 10 दिन पहले अनिल अंबानी को कैसे पता चला? पहले ये भ्रष्टाचार का मामला था अब ये ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट का मामला हो गया है। डिफेंस की सीक्रेट बात बाहर कैसे आई। पीएम मोदी ने ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट का उल्लंघन किया है। इसका मतलब है कि प्रधानमंत्री अनिल अंबानी के मिडिलमैन की तरह काम कर रहे थे।
राहुल ने पीएम मोदी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पहले राफेल में भ्रष्टाचार का मामला था, लेकिन अब ऑफिशियल सिक्रेट एक्ट के उल्लंघन का भी मामला सामने आया है। राहुल ने कहा, देश के डिफेंस सीक्रेट को लीक करने की बात सामने आई है। इसी आधार पर पीएम पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। यह ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट का मामला है। पीएम बताएं कि अनिल अंबानी को डील से 10 दिन पहले ही कैसे मालूम था कि डील होगी?प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले राहुल ने ट्वीट कर पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा, प्रिय छात्रों और देश के युवाओं, हर रोज राफेल को लेकर नए खुलासे हो रहे हैं। इन खुलासों से साफ हो रहा है कि प्रधानमंत्री ने अपने दोस्त अनिल अंबाली की आपके 30 हजार करोड़ रुपए चुराने में मदद की।
राहुल गांधी ने अंग्रेजी अखबार द हिंदू की रिपोर्ट का हवाला देते हुए पीएम मोदी पर निशाना साधा है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, श्श्राफेल डील पर फ्रांस सरकार के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय की समानांतर सौदेबाजी का रक्षा मंत्रालय ने कड़ा विरोध किया था। रक्षा मंत्रालय का 24 नवंबर, 2015 एक नोट तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के संज्ञान में लाया गया था। इस नोट में साफ कहा गया था कि चीएमओ के समानांतर दखल से रक्षा मंत्रालय और समझौता करने वाली टीम की सौदेबाजी की स्थिति कमजोर हो गई थी।