नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में थे और चीन को यह बात चुभ गई है। चीन ने आधिकारिक बयान जारी कर पीएम मोदी के इस दौरे पर विरोध दर्ज कराया है। शनिवार को पीएम मोदी ने ईटानगर में रैली की और यहां पर कुछ प्रोजेक्ट्स की नींव भी रखी। पीएम मोदी ने अरुणाचल को भारत की सुरक्षा का रास्ता कहा है। चीन के सरकारी अखबार पीपुल्स डेली ने विदेश मंत्रालय के हवाले से यह खबर दी है। पीपुल्स डेली ने बताया है, ‘चीन उस हिस्से को मान्यता नहीं देता है जिसे भारत ‘अरुणाचल प्रदेश’ कहता है और इसके साथ पीएम मोदी के इस विवादित हिस्से पर हुए दौरे का कड़ा विरोध करता है।
चीन का रुख भारत-चीन बॉर्डर पर एकदम साफ है और अडिग है।’ पीएम मोदी ने शनिवार को ईटानगर में हुई रैली में कहा है कि भारत की सरकार देश के हिस्से का पूर्ण विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीन को कई बार अरुणाचल प्रदेश पर भारत ने अपने रुख से अवगत कराया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि न सिर्फ पीएम मोदी बल्कि भारत के दूसरे नेताओं की इस क्षेत्र में बढ़ती गतिविधियों की वजह से सीमा विवाद एक जटिल विषय बन गया है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर करने के लिए कई दौर की वार्ता हो चुकी है। साल 1962 में हुई जंग के बाद से सीमा विवाद भारत-चीन के बीच एक मुश्किल मुद्दा बना हुआ है। चीन, अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है।
चीन ने भारत से कहा है कि वह द्विपक्षीय संबंधों के लिए जरूरी सभी पहलुओं पर आगे बढ़े। इसके अलावा चीन ने यह भी कहा है कि भारत उसके हितों और चिंताओं को समझे। चीन की ओर से आए बयान पर अभी तक भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। जून 2017 में भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद हुआ था और 73 दिनों के बाद जाकर यह खत्म हो सका था। एक्ट ईस्ट पॉलिसी, पीएम मोदी का नॉर्थ ईस्ट में एक अहम एजेंडा रहा है। शनिवार को पीएम ने अरुणाचल प्रदेश में तेजू एयरपोर्ट का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने न सिर्फ लोहित जिले में स्थित तेजू एयरपोर्ट का उद्घाटन किया बल्कि उन्होंने होलोंगी में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की नींव भी रखी है। पीएम मोदी ने कहा है कि अरुणाचल प्रदेश को हवाई मार्ग के अलावा रेलवे और सड़क के जरिए देश के बाकी हिस्सों से जोड़ा जाएगा।