नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इस साल होने वाली बोर्ड परीक्षाओं से पहले छात्र-छात्राओं को तनाव से मुक्त रहने के टिप्स देने के लिए उनसे ‘परीक्षा पे चर्चा 2.0’ कर रहे हैं। चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने इस दौरान कहा ‘मेरे लिए ये कार्यक्रम किसी को उपदेश देने के लिए नहीं है। मैं यहां आपके बीच खुद को अपने जैसा, आपके जैसा और आपकी स्थिति जैसा जीना चाहता हूं, जैसा आप जीते हैं।’ यह कार्यक्रम दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में हो रहा है। इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राएं, अभिभावक और शिक्षक भी शामिल हो रहे हैं।
PM Modi during Pariksha Pe Charcha 2.0: Parents who try to impose their unfulfilled wishes on their kids are a failure, they must try to recognise the potential in their children As far as expectations are concerned, we also feel like working hard when there are expectations. pic.twitter.com/V6y62YKow0
— ANI (@ANI) January 29, 2019
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा ‘हर माता-पिता को अपने बच्चों को प्रोत्साहित करना चाहिए। परीक्षा का महत्व तो है, लेकिन यह जीवन की परीक्षा नहीं है।’ उन्होंने कहा कि अगर हम अपने आपको कसौटी के तराजू पर झौकेंगे नहीं तो जिंदगी में ठहराव आ जाएगा। ज़िन्दगी का मतलब ही होता है गति, जिंदगी का मतलब ही होता है सपने। प्रधानमंत्री ने कहा ‘जब मन में अपनेपन का भाव पैदा हो जाता है तो फिर शरीर में ऊर्जा अपने आप आती है और थकान कभी घर का दरवाजा नहीं देखती है। मेरे लिए भी देश के सवा सौ करोड़ देशवासी मेरा परिवार हैं।’
पीएम मोदी ने कहा ‘लक्ष्य ऐसा होना चाहिए, जो पहुंच में तो हो, पर पकड़ में न हो। जब हमारा लक्ष्य पकड़ में आएगा तो उसी से हमें नए लक्ष्य की प्रेरणा मिलेगी। पीएम मोदी ने कहा कि निराशा में डूबा समाज, परिवार या व्यक्ति किसी का भला नहीं कर सकता है, आशा और अपेक्षा आगे बढ़ने के लिए अनिवार्य होती है।