मुंबई: अंतरराष्ट्रीय टी-20 में हैट्रिक के साथ 6 विकेट लेने वाले भारत के पहले खिलाड़ी दीपक चेहर देश की जनता के आँखों के तारे बन गए हैं। कुछ क्रिकेट प्रेमियों को भले ही दीपक चाहर के नागपुर के धमाकेदार प्रदर्शन पर हैरानी हुई होगी लेकिन क्रिकेट में यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने ऐसा कमाल का प्रदर्शन किया है। बल्कि रणजी ट्रॉफी में अपने डेब्यू मैच में ही दीपक ने केवल 10 रन देकर आठ विकेट झटके थे। और इसी घरेलू टूर्नामेंट के बाद दीपक ने अपने करियर की शुरुआत की थी। आइये आपको बताते हैं तेज़ गेंदबाज़ दीपक चेहर के संघर्ष की कहानी।
दीपक चाहर का जन्म और परिवार
दीपक का जन्म 7 अगस्त 1992 को ताज नगरी आगरा में हुआ था। मूलरूप से वो राजस्थान के गंगानगर के रहने वाले हैं। दीपक के पिता का नाम लोकेन्द्र सिंह चहर हैं जो कि एक रिटायर एयरफ़ोर्स ऑफिसर हैं। दीपक चहर की सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ उनके पिता लोकेंद्र चहर का है, जिन्होंने बेटे के लिए सेना की नौकरी तक छोड़ दी थी। क्योंकि नौकरी के कारण दीपक का ध्यान बार-बार बंट रहा था, जबकि पिता उसे अच्छा क्रिकेटर बनाना चाहते थे। बेटे के अभ्यास में कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए फिर लोकेंद्र ने अक्टूबर 2006 में नौकरी से इस्तीफा ही दे दिया था और उसके बाद उन्होंने अपना पूरा समय दीपक के करियर को संवारने में लगा दिया।
एसे हुई करियर की शुरुआत
क्रिकेट में रूचि होने के कारण दीपक रोजाना 50 किमी दूर हनुमानगढ़ की क्रिकेट अकादमी जाया करते थे। वहीँ पर उन्होंने नवेंदु त्यागी से ही क्रिकेट की बारीकी को जाना समझा। 50 किलोमीटर का सफ़र वह अपने पिता के साथ बाइक पर रोज तय किया करते थे।
आठ विकेट लेकर रचा करिश्मा
दीपक ने अपने फर्स्ट क्लास करियर की शुरुआत हैदराबाद के खिलाफ की थी। अपने पहले ही मैच में दीपक ने 8 विकेट लेकर हैदराबाद को रणजी में उनके इतिहास के सबसे छोटे स्कोर पर समेट दिया था। हैदराबाद ने इस मैच में मात्र 21 रन बनाये थे। इस मैच के बाद ही 18 वर्षिय दीपक ने सभी की नज़रे अपनी कर दी. । दीपक ने अपने स्पेल में मात्र 10 रन देकर 7.3 ओवर में हैदराबाद को बैकफूट पर धकेल दिया था। हैदराबाद की पूरी टीम ताश के पत्तो की तरह मात्र 15.3 ओवर में सिमट गयी थी। और इस मैच से ही दीपक पर बड़े-बड़े सलेक्टर की निगाहें टिक गई और दीपक के लिए आईपीएल के दरवाज़े खुल गए।
दीपक 2011 से लगातार आईपीएल खेल रहे हैं। इस दौरान वह 2011 से 2015 में राजस्थान रॉयल्स की टीम में रहे लेकिन यहाँ उनको कम मौके मिले। यूं तो 2011 में ही दीपक राजस्थान रॉयल्स टीम का हिस्सा बन चुके थे, लेकिन यहां उन्हें कम ही मौके मिले। इसके बाद जब राजस्थान और सीएसके पर प्रतिबंध लगा तो धौनी ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स टीम में शामिल कराया। यहां से दीपक की किस्मत बदलती चली गई। धौनी समझ चुके थे कि दीपक में नई गेंद से विकेट लेने की गजब की क्षमता है।
इसके बाद उन्हे इंडिया-ए के लिए ट्राई सीरीज में जगह मिली जहां उन्होंने अच्छा क्रिकेट खेला। वह एशिया कप में भारतीय टीम का हिस्सा भी रहे हैं और अब हालही में दीपक चेहर भारतीय टीम का हिस्सा हैं बांग्लादेश के खिलाफ उन्होंने जो हैट्रिक के साथ 6 विकेट लिए हैं। इससे ये उम्मीद तो बन गई है कि दीपक ने आगामी भविष्य के लिए भारत की टीम में सफल गेंदबाज के रूप में अपनी जगह कई हद तक पक्की कर दी है।