पिथौरागढ़: धारचूला में व्यास, चौंदास और दारमा घाटी के लोग पिछले 1 जुलाई के आवाजाही करने के लिये मुश्किल हालातों का सामना करने को मजबूर है। यहां व्यास घाटी के हालात सबसे ज्यादा खराब है। यहां लोगों की आवाजाही पर प्रशासन ने नजंग और लखनपुर के पास पाबंदी लगा रखी है। नजंग और लखनपुर के पास पैदल मार्ग पुरी तरह से ध्वस्त है। इस घाटी के दर्जन भर गांवों के लोगों को हैलीकॉप्टर द्वारा लाया और ले जाया जा रहा है।
यहां लोग खराब रास्तों से ही आवाजाही करने को मजबूर हैं। प्रशासन ने भी खराब रास्तों को देखते हुए नजंग से लखनपुर तक पैदल आवाजाही में पूरी तरह रोक लगाई है। सरकार ने आपदा प्रभावितों के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की है, लेकिन महंगी हवाई सेवा होने के कारण प्रभावित इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं।
व्यास घाटी के लोगों का कहना है कि पैदल रास्तों से आवाजाही कर जहां वे लोग 500 रुपये मे घर पहुंच जाते थे। वही आज उनको घर आने और जाने के लिये 6200 रुपये खर्च करने पड़ रहे है। बावजूद इसके समय पर हैली सेवा नहीं मिल पी रही है। लोगों ने सरकार से जल्द से जल्द पैदल मार्ग को दुरूस्त कराने की मांग की है। वहीं हैली सेवा के हालात ये है कि लोगों को तीन दिन के इंतजार के बाद भी हैलीकॉप्टर की सुविधा नहीं मिल पा रही है।
स्थानीय विधायक का कहना है कि प्रशासन ने खराब रास्तों से लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है। वहीं हैली से भी लोगों को दोनों तरफ का किराया लिया जा रहा है। जो उच्च हिमालयी क्षेत्र की घाटियों में रहने वाले लोगों के साथ अन्याय है।
वहीं पिथौरागढ़ प्रशासन का कहना है कि इन घाटियों में फंसे लोगों को हैलीकॉप्टर द्वारा नि:शुल्क धारचूला लाया जा रहा है। वही बूंदी मे किरजी मेले का आयोजन आगामी सितम्बर के महीने में होना है। इसमें जाने वाले लोगों से हैलीकॉप्टर द्वारा दो तरफा किराया लिया जा रहा है। स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे है।