नई दिल्ली: देश में बढ़ती महंगाई को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने आज भारत बंद का ऐलान किया है। लगभग 21 राजनीतिक पार्टियों इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं। विपक्ष की केंद्र सरकार से मांग है कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए। इसके अलावा कांग्रेस का कहना है कि पिछली सरकारों के अनुसार उत्पाद शुल्क में कटौती की जाए। कांग्रेस पार्टी को इस विरोध प्रदर्शन में अन्य पार्टियों का साथ मिला है। यहां रामलीला मैदान में राहुल गांधी के साथ, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, शरद यादव बंद का समर्थन करते नजर आए।
दरअसल, डॉलर के ऐतिहासिक अवमूल्यन और ईंधन की बढ़ती कीमतों के बीच विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार का विरोध कर रही है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों का कोई जिक्र नहीं किया गया, क्योंकि उन्हें लोगों के दुख-दर्द से कोई मतलब ही नहीं है।’
वहीं कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के बावजूद आज फिर से तेल की कीमतों में इजाफा हो गया। कीमतों के लागू होने के बाद दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 80.73 रुपए प्रति लीटर है, जबकि डीजल की कीमत 72.83 रुपए प्रति लीटर है। वहीं, मुंबई में पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान पर पहुंच गई है। यहां पेट्रोल की कीमत 88.12 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 77.32 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गई है। यहां पेट्रोल में 23 पैसे और डीजल के दाम में 23 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। ओडिशा, महाराष्ट्र, यूपी, बिहार, कर्नाटक, तमिलनाडु सहित तमाम प्रदेश में विपक्ष बढ़ती कीमतों के खिलाफ आज सड़क पर हैं। कुछ राज्यों में स्कूल और कॉलेज भी बंद कर दिए गए हैं। विपक्ष ने भारत बंद में पूरी ताकत झांक दी हैं।
तमाम विपक्षी दल मोदी सरकार पर अच्छे दिन के नारे को लेकर तंज कस रहे हैं और पेट्रोल व डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर आलोचना कर रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले दिनों में लोगों को पेट्रोल और डीजल के दाम में राहत मिलने के आसार नहीं हैं। हालांकि नवंबर में होने वाले कई राज्यो में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दाम में कुछ गिरावट दर्ज की जा सकती है, लेकिन फिलहाल लोगों को किसी भी तरह की राहत मिलती नहीं दिख रही है।