रानीखेत : नगर व आसपास के आबादी वाले क्षेत्रों में जहां एक ओर बन्दरों की संख्या में बढोतरी होती जा रही हैं वही इनका आतंक भी बढता जा रहा है। बन्दरों ने अब तक बहुत लोगों पर हमला भी किया है।
छावनी परिषद की बोर्ड बैठक में कई बार बन्दरों को पकड़े जाने को लेकर व्यापक चर्चा हुई है। इन्हे पकड़ने के लिये टेन्डर किये जाने की बात भी सामने आई। प्रति बंदर पकड़ने व उन्हें अन्यत्र छोड़ने के लिये जो धन राशि मांगी जा रही थी वह परिषद को ज्यादा लग रही थी। इसके बाद भी कई बार यह मसला उठा लेकिन इस पर कार्यवाही सुनिश्चित नहीं हो पाईं। उन्हें पकड़ करछुड़वाया कहाँ जाये इस पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहा था। पूर्व में देखा गया है कि अर्द्ध रात्री में अन्य स्थानों से पकडे गये बंदरों को लाकर ट्रक वाले रानीखेत की सीमा में छोड गये। ऐसा होने से क्षेत्र में नये नये मोटे ताजे कटखने बंदरों की क्षेत्र में आमद बढ़ गई। इन बंदरों का आतंक दिन प्रति दिन बढता जा रहा है। घरों की छतों के छज्जो पर इनका उत्पात चलता रहता है। ये बच्चों व महिलाओं को दौड़ा लेते हैं जिससे वे अफरा तफरी में गिर कर चौटिल हो जाते हैं। बंदर के काटने के बाद इलाज में लोगों के कई रूपये लग जाते हैं। इसके अलावा ये खेती बाड़ी को भी नुकसान पंहुचा रहे हैं। फलों व कृषि उपज को नुकसान पहुंचाते हैं जिससे उद्यान पति व कृषक परेशान रहते है।