उत्तराखण्ड सरकार ने रोजगार वर्ष मनाने के अपने निर्णय को मजबूती देते हुए आज कैबिनेट में 3 बड़े फैसले लिए।
पहली बार टिहरी झील में आयोजित ऐतिहासिक कैबिनेट के फैसलो की जानकारी देते हुए शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि, सरकार ने एमएसएमई पॉलिसी में संशोधन करते हुए अब पर्यटन से जुड़ी बहुत सी गतिविधियों को उद्योग का दर्जा दे दिया है। उन्होंने बताया कि अब कायाकल्प रिजॉर्ट, आयुर्वेद, योगा, पंचकर्मा, बंजी जंपिंग, जॉय राइडिंग, सर्फिंग, कैंपिंग, राफ्टिंग जैसे उद्यम एमएसएमई नीति के अंतर्गत आएंगे और उद्यमियों को नीति के अंतर्गत अनुमन्य तमाम सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
इसी प्रकार सरकार ने मेगा इंडस्ट्री इन्वेस्टमेंट नीति के अंतर्गत आयुष और वेलनेस सेक्टर को लाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के उपरांत होटल, रिजॉर्ट, क्या किंग, सी प्लेन उद्योग आयुर्वेद, योगा जैसी 22 गतिविधियाँ/सेक्टर मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी के अंतर्गत विभिन्न लाभों के लिए अनुमन्य होंगे। माइक्रो सेक्टर में रोजगार सृजन करने के लिए सरकार ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली नीति में 11 नई गतिविधियों को शामिल किया है। इन गतिविधियों में क्याकिंग, टेरेंनबाइकिंग, कैरावैन, ऐंग्लिंग, स्टार गेसिंग, बर्ड वाचिंग जैसे कार्यों के लिए उपकरणों के क्रय हेतु सहायता दी जाएगी।
कैबिनेट मंत्री कौशिक ने बताया कि, सरकार का मुख्य उद्देश्य पर्यटन और रोजगार को आपस में जोड़कर प्रदेश के युवाओं के लिए अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न करना है। बुधवार को टिहरी में आयोजित कैबिनेट में लिए गए एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में 13 डिस्ट्रिक्ट 13 न्यू डेस्टिनेशन योजना के अंतर्गत सभी 13 जनपदों के 13 नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने की मंजूरी दी गई। अल्मोड़ा में कटारमल, नैनीताल में मुक्तेश्वर, पौड़ी में सतपुली, खैरासैण, चमोली में गैरसैंण-भराड़ीसैंण, देहरादून में लाखामंडल, हरिद्वार में 52 शक्तिपीठ थीम पार्क उत्तरकाशी में हर की दून-मोरी, टिहरी में टिहरी झील, रुद्रप्रयाग में चिरबिटिया, उधमसिंह नगर में गूलरभोज, चंपावत में देवीधुरा, बागेश्वर में गरुड़ वैली और पिथौरागढ़ में मोस्ट मानु को इस योजना के अंतर्गत न्यू डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाएगा।
बुधवार को कैबिनेट द्वारा लिए गए अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत 50 लाख का फण्ड बनाकर तलाकशुदा/परित्याक्ता/एकल महिला के अतिरिक्त किन्नर श्रेणी को सुरक्षा प्रदान करने के लिये 01 प्रतिशत की दर से 01 लाख का सहकारिता ऋण दिया जायेगा। इस कोष का संचालन जनपद स्तर पर बनी कमेटी द्वारा किया जाता है। जिसमें सीडीओ अध्यक्ष होते हैं। एक अन्य निर्णय में रुद्रप्रयाग जिले के बेला कोटेश्वर में स्वामी माधवाश्रम धर्मार्थ ट्रस्ट चिकित्सालय को सरकार द्वारा संचालित करने का निर्णय लिया गया है। मेंथा प्रजाति के उत्पादों के लिए मंडी शुल्क माफ कर दिया गया है। एमसीआई के पूर्व के 07 पदों को बढ़ाकर 15 पद करने का निर्णय लिया गया है। आज कैबिनेट द्वारा उत्तराखण्ड राज्य अधीन सेवा में वैयक्तिक सहायक के संवर्गीय पदोन्नति पद और अधीनस्थ वैयक्तिक सहायक सीधी भर्ती के पदों के लिए 02 नियमावलियों को भी स्वीकृति दी गई है। एससी/एसटी और ओबीसी के आरक्षण गणना में 1.5 से ऊपर को 2 पद मानने की स्वीकृति प्रदान की गई है।