देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग, उत्तराखण्ड की ईको टूरिज्म रिपोर्ट का विमोचन किया। रिपोर्ट में राज्य में प्रकृति आधारित पर्यटन (ईको टूरिज्म) गतिविधियों का विश्लेषण किया गया है। रिपोर्ट में ईको टूरिज्म के माध्यम से पर्वतीय जिलों में रोजगार के अवसर पैदा करने व पलायन रोकने पर भी चर्चा की गई है। इस दौरान मुख्यमंत्री व ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस. एस. नेगी के मध्य उत्तराखण्ड के लिए इको टूरिज्म पॉलिसी व इको टूरिज्म मास्टर प्लान के विषय में भी चर्चा हुई। इस दौरान पलायन आयोग ने सुझाव दिया कि केवल एक ही एजेन्सी ईको टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन उत्तराखण्ड द्वारा इको टूरिज्म विकास का कार्य किया जाए। राज्य में ईको टूरिज्म के सम्बन्ध में पर्याप्त अद्यतन जानकारी एक वेबसाईट या वेब एप पर उपलब्ध हो। साथ ही जी.पी.एस. सिस्टम को मजबूत किया जाय।
ईको टूरिज्म स्थलों पर जल संरक्षण, वर्षाजल संग्रहण, गैर पारम्परिक ऊर्जा के स्रोतों, सुदृढ़ दूरसंचार व्यवस्था, कचरा प्रबन्धन, शौचालयों का प्रबन्ध, ईको टूरिज्म में स्थानीय समुदायों की भागीदारी, कुशल यातायात प्रबन्धन का प्रावधान किया जाए। विभिन्न ईको टूरिज्म स्पॉट्स व होम स्टे योजना को निकटतम ट्रैकिंग स्थलों, मंदिरों, अन्य पर्यटक स्थलों से जोड़ने पर बल दिया गया। ईको टूरिज्म से जुड़ी कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ाने व महिलाओं को इन कौशल विकास कार्यक्रमों से जोड़ने पर भी चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ईको टूरिज्म में प्रकृति सर्वोपरि है। ईको टूरिज्म प्रकृति पर निर्भर है। अतः प्रकृति का संरक्षण व पारिस्थिति की संतुलन को बनाए रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। राज्य सरकार की प्रकृति का संरक्षण करते हुए रोजगार के अवसर बढ़ाने व पलायन रोकने के लिए प्रयासरत है।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पौड़ी गढ़वाल के सितोन्स्यूं में सीता जी के मन्दिर, सीता कुटी, विदा कुटी को विकसित किया जाएगा। शीघ्र ही इस स्थान पर 4 से 5 किलोमीटर एक पदयात्रा या जातयात्रा का आयोजन किया जाएगा। इस पदयात्रा या जातयात्रा में मुख्यमंत्री व शासन की वरिष्ठ अधिकारी भी सम्मिलित होंगे।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने ईको टूरिज्म रिपोर्ट के सन्दर्भ में सचिव पर्यटन को निर्देश दिए कि राज्य में राफिटंग पर्यटकों की संख्या बढ़ाने हेतु समुचित उपाय किए जाए। सुरक्षा मानकों के सुधार पर विशेष फोकस किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने पर्यटकों के सुविधा व सूचना हेतु वेबसाईट पर पंजीकृत होम स्टे का अद्यतन विस्तृत विवरण उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।