नैनीताल: पतंजलि आयुर्वेदिक शोध संस्थान को हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण इस शोध संस्थान के संस्थापक है। हाई कोर्ट की एकलपीठ जस्टिस मनोज तिवारी ने छात्रों की बढ़ी फीस वापस लौटने का आदेश दिया है। संस्थान के छात्रों ने बढ़ी हुई फीस वापस नही देने को लेकर पतंजलि आयुर्वेदिक शोध संस्थान के खिलाफ बीएएमएस छात्रों ने अवमानना याचिका दाखिल की थी।जस्टिस मनोज तिवारी की एकलपीठ ने मामले में पतंजलि आयुर्वेदिक शोध संस्थान को 8 हफ्ते में बढ़ी फीस वापस लौटने का आदेश दिया है। कोर्ट ने छात्रों के उत्पीड़न पर भी कड़ी नाराजगी जाहिर की।
बता दें कि, प्रदेश में 13 आयुर्वेदिक शोध संस्थान हैं, जिन्होंने फीस में बढ़ोत्तरी की है। करीब 13 सस्थानों ने 80 करोड़ फीस अभी तक विभिन्न संस्थानों द्वारा छात्र-छात्राओं से ली जा चुकी है। फीस वृद्धि को लेकर हाल ही बीएएमएस के छात्र-छात्राओं ने लंबा आंदोलन किया था। राज्य सरकार ने भी सीएम की अध्यक्षता में बैठक कर हाईकोर्ट के फैसले को निजी शिक्षण संस्थानों को आदेश दिया। पतंजलि आयुर्वेदक शोध संस्थान पर छात्रो का आरोप है कि, 2015 से 80 हजार की जगह 2 लाख 15 हजार फीस छात्रों से ली गई।