रुद्रप्रयाग: पशुओं में खुरपका व मुंहपका रोग को रोकने के लिए जिले में पशुपालन विभाग अभी से तैयारियों में जुट गया है। अक्सर विभाग पशुपालकों द्वारा पाले जाने वाले गाय व भैसों तक ही अपने अभियान को सीमित रखता है, लेकिन इस बार विभाग घुमन्तू पशुओं का भी टीकाकरण कर रहा है।
रुद्रप्रयाग शहर में करीब 30 से 40 घुमन्तू पशु हैं। साथ ही पूरे जनपद में इनकी तादाद सैकडों में है, विभाग का मानना है कि ऐसे पशुओं के जरिये ही अधिकतर बीमारियां फैलती हैं। समय पर इन पशुओं का टीकाकरण किया जाय तो बीमारियों पर रोकथाम लग सकती है। इसके लिए पूरे जनपद में 9 टीमें गठित की गयी हैं और टीमें घर-घर व शहरों में जाकर पशुओं का टीकाकरण कर रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि, अधिकांश पशु पालक इन जानवरों द्वारा दूध न दिये जाने या फिर किसी बीमारी से ग्रसित हो जाने से बाजारों में छोड देते हैं और प्रशासन द्वारा जानवरों के लिए बाडे न बनाये जाने के कारण ये पशु घूमते ही रहते हैं। साथ ही जानवरों का टैगीकरण न होने के कारण इनकी सही पहचान भी नहीं हो पाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि, प्रत्येक जानवर को टैग लगाया जाय और जिस व्यक्ति द्वारा जानवरों को ऐसे छोडा जाता है, उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाय तो, इस समस्या से निपटा जा सकता है।