अल्मोड़ा: आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद आज भी कई ऐसे गाँव हैं, जहाँ मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे करने वाली राजनीतिक पार्टियाँ सत्ता में आते ही अपने वादों को भूल जाती है। जिस कारण लोगों को इन मूलभूत सुविधाओं को लेकर आन्दोलन करना पड़ता है। ऐसा ही मामला अल्मोडा जिला मुख्यालय से करीब 95 किलोमीटर दूर चैखुटिया में देखने को मिला है।
चैखुटिया तहसील के अन्तर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना के तहत भगोती से टिम्ठा मोटर मार्ग के निर्माण का बजट स्वीकृती 2015 में मिलने के बाद भी आज तक मोटर मार्ग का निर्माण कार्य शुरू नही कराया गया है। जिसको लेकर ग्रामीण लम्बे समय से आन्दोलित हैं। मोटर मार्ग का निर्माण कार्य शुरू नहीं होने से भगोती, जेठुआ, मज्यूर, लालूरी, कनोली, टिम्ठा सहित करीब 30 गांवों को जोडने वाला इस मार्ग के निर्माण की प्रक्रिया शुरू नही होने के कारण लोगों में काफी गुस्सा देखने को मिला। ग्रामीणों ने चैखुटिया बाजार से तहसील तक विशाल जूलूस निकलकर तहसील का घेराव कर धरना-प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन की पूर्ववत सूचना होने के बावजूद भी मौके पर ना तो एसडीएम मौजूद थे और ना ही तहसीलदार। तहसील में कोई भी अधिकारी नही मिलने से ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान रहा और ग्रामीणों ने तहसील परिसर में जमकर हंगामा काटा। कई देर तक हंगामे के बाद पीएमजीएसवाई अधिशासी अभियन्ता मौके पर पहुंचे। जिससे प्रदर्शनकारीयों की तीखी नोंक-झोंक भी हुई। वहीं प्रदर्शनकारीयों ने तहसील के अधिकारीयों द्वारा पैसे मांगने का गम्भीर आरोप तक लगाया।
वहीं ग्रामीणों का कहना है कि, लम्बे समय से ग्रामीण मोटर मार्ग की मांग करते आए हैं, मोटर मार्ग की मांग को लेकर उनकी एक पीढी तक खत्म हो चुकी है लेकिन, अभी तक सडक की शुरूआत तक नही हो पायी है। सडक नही बनने से समय पर इलाज नहीं मिलने के चलते अब तक गांव के दो जवानों की मौत तक हो चुकी है, बावजूद इसके प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है।
वहीं ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि, गांव में सडक नही होने से ग्रामीणों को कई परेशानियों का सामना करना पड रहा है। सडक नही होने से लोग यहां से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। साथ ही उन्होने चेतावनी दी कि, यदि मोटर मार्ग का निर्माण कार्य जल्द शुरू नही किया गया, तो ग्रामीण राष्ट्रीय, राज्य मार्ग पर चक्का जाम कर प्रदर्शन करेंगे।
मामले में जब सडक निर्माण कार्य शुरू करने में देरी के बारे में अपर अधिशासी अभियंता, पीएमजीएसवाई से पूछा गया तो कहते हैं कि, एक साल से पर्यावरण मंत्रालय नोडल अधिकारी देहरादून की वेबसाइड बन्द है, जिस कारण एनओसी नहीं मिलने से निर्माण कार्य रूका हुआ है।