बागेश्वर: जिले में कपकोट ब्लॉक अपनी सुंदरता व् ग्लीसियर रेंजो से हर-एक शख्स को अपनी तरफ आकर्षित करता है। लेकिन पर्यटन विभाग व् जिला प्रशासन की सुस्ती के कारण हजारो प्रयटकों को मायूसी मिल रही है। दरसल हाली पिंडारी ग्लेशियर के ट्रैकिंग पर गए गुजरात के 21 युवाओं का दल फुरकिया से वापस लौट आया है। फुरकिया से आगे बर्फ से मार्ग बंद होने पर यह दल पिंडारी ग्लेशियर तक नही जा सका। रोजाना ऐसे कई पर्यटक दल पिण्डरी ग्लेशियर व् सुन्दरढूंगा ट्रैक बागेश्वर मुख्यालय से निकल तो रहे है।
कपकोट,लोहारखेत ,खाती ,द्वाली ,फुरकिया टॉप तक पहुँच तो रहे परन्तु फुरकिया से आगे नहीं बढ़ पा रहे। क्यूंकि उनकी राह पर ट्रैकिंग के रस्ते में जमा पड़ी हुई बर्फ आड़े आ रही है। जिससे पर्यटक दलों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है। पर्यटन विभाग व लोकनिर्माण विभाग ने अबतक इन ट्रैक मार्गो को खोलने की जहमत तक नहीं उठाई और कपकोट बाजार में कोई भी मानचित्र ,मार्ग बंद सुचना बोर्ड नहीं लगवाया गया। जिससे यंहा आने वाले पर्यटक अपने को ठगा सा महसूस कर रहे है।
गौरतलब है कि अंग्रेज शासक सर वीलियम ट्रेल ने इस बंद पड़े मार्ग को खोलने की कवायद कई साल पहले करि थी। पिंडारी ग्लेशियर के शीर्ष के दर्रे को उन्हीं के नाम ‘ट्रेल दर्रा’ से जाना जाता है। जिस वजह से पिंडारी ग्लेशियर का ट्रैक देश—विदेश में काफी विश्व प्रसिद्ध होने से यहां हर वर्ष हजारों -लाखों की तादाद में देशी -विदेशी ट्रैकर आते हैं। लेकिन असुविधाओं के चलते परेशान जरूरर रहते है।
कुमाऊं मंडल विकास निगम के तत्वाधान में पिंडारी ग्लेशियर की यह पहला ट्रैकिग है। यह दल खाती गांव, द्वाली होते हुए फुरकिया तक ही पहुंच सका। फुरकिया से एक किलोमीटर बाद बर्फ से पटे रास्ते की वजह से इस दल को वापस लौटना पड़ा। दल की लीडर ने बताया कि आगे रास्ता खतरनाक होने की वजह से उन्हें वापस लौटना पड़ा। जिससे वो मायूस भी दिखे इतनी भारीभरकम रकम ख़र्च करने के बाद पर्यटकों को ग्लेशियरो के दर्शन नहीं हो पा रहे है।