देहरादून: चारधाम यात्रा की तैयारियां जोर पकड़ने लगी हैं। बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथी पहले ही घोषित की जा चुकी है। चार मार्च को केदारनाथ धाम और उसके बाद गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट खोलने का एलान भी कर दिया जाएगा। साथ ही सरकार की तैयारियों को दौर भी जारी है। केदारघाटी में हेली सेवा को लेकर हर बार विवाद रहता है। सरकार पर चहेतों को लाभ पहुंचाने के आरोप भी लगते रहते हैं। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि इस बार चहेतों को लाभ मिल पाएगा या नहीं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और उनकी सरकार जीरो जीरो टाॅलरेंस की बात करती है। हेली सेवा के लिए किए गए टेंडर में भी इसको शामिल किया गया है। सूत्रों की मानें तो केदारघाटी में हेली सेवा के लिए वो कंपनियां भी आवेदन करने की तैयारी में हैं, जिनके खिलाफ पिछले साल टिकट ब्लैक करने के आरोप लगे थे। हालांकि सरकार ने टेंडर में शर्त रखी है कि, जिन कंपनियों के खिलाफ ब्लैक टिकटिंग के आरोप हैं, ऐसी कंपनियों को टेंडर नहीं दिया जाएगा।
आपको बता दें कि पिछले साल तीन-चार कंपनियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में टिकट ब्लैकिंग का केस दर्ज है। सीओ रुद्रप्रयाग एसएस कोहली ने बताया कि कंपनियों से जुड़े मामलों की चार्जसीट भी दाखिल कर दी गई है। खास बात यह है कि सरकार जिस जीरो टाॅलरेंस की बात करती है। अगर उस पर अमल किया गया, तो जिन कंपनियों के खिलाफ मुकदमें दर्ज किए गए हैं। उनको टेंडर मिलना मुश्किल हो जाएगा। देखना होगा कि सरकार अपनी जीरो टाॅलरेंस की नीति को लेकर क्या निर्णय लेती है।
ये है टेंडर की शर्त…
3.2.1.6 The Bidder and its management executives should have a clean legal record and should not have indulged in fraudulent practices and black-marketing of tickets in the past. In this regard, Bidder has to submit notarised affidavit on Rs 100 Stamp Paper.