नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली यानि देश का दिल और उससे सटे आस-पास के शहर एक बार फिर से जानलेवा प्रदूषण की चपेट में आ गए हैं। पराली का धुआं दिल्ली का दम घोंटने के लिए दस्तक दे चुका है। पराली से निकले धुएं का असर भी नजर आने लगा है। पिछले 24 घंटों में दूषित हवा का लेवल दिल्ली में काफी बढ़ गया है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरे का संकेत है, यह अगले दो दिनों में और बढ़ सकता है। दिल्ली-एनसीआर की हवा बेहद खराब स्तर पर पहुंच गई है। सबसे अधिक प्रदूषण भिवाड़ी में रहा। यहां एयर इंडेक्स 398 पहुंच गया। जो, इमर्जेंसी के स्तर से महज 2 पॉइंट नीचे है।
सीपीसीबी के एयर बुलेटिन के अनुसार, गाजियाबाद में एयर इंडेक्स 332, गुरुग्राम में 325, फरीदाबाद में 306, ग्रेटर नोएडा में 281, दिल्ली में 262, नोएडा में 257 रहा। पीएम 10 की मात्रा 4 गुना तो पीएम 2.5 की मात्रा सामान्य से 3 गुना तक अधिक रही। लगातार बढ़ता प्रदूषण खतरे का कारण बन रहा है। दिल्ली में हर याल पराली के कारण लोगों के फेफड़े फूलने लगते हैं।
हवा के प्रदूषित होने का सबसे बड़ा का कारण उत्तर-पश्चिमी हवाएं हैं, जो कि हरियाणा-पंजाब से दिल्ली की ओर आ रही हैं जो कि दिल्ली को परेशान कर रही हैं। आपको बता दें कि पिछले साल भी अक्टूबर और नवंबर में पराली जलाए जाने के चलते दिल्ली-एनसीआर को भारी प्रदूषण का सामना करना पड़ता रहा है। दिल्ली में पीएम10 का स्तर 243 दर्ज किया गया है और पीएम 2.5 का स्तर 122 रहा है।
दिल्ली में प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है। अक्टूबर में पिछले तीन सालों से दिल्ली में प्रदूषण की समस्या बढ़ी है। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के कई इलाकों में हवा में प्रदूषण का स्तर जून में 500 से अधिक रहा। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो इस साल भी लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।