मुंबई: सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है। इसी बीच शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा है कि देश में घुसे पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मुसलमानों को निकालो। उन्हें निकालना ही चाहिए, इसमें कोई दो राय नहीं लेकिन इसके लिए किसी राजनीतिक दल को अपना झंडा बदलना पड़े, ये मजेदार है।
हाल ही में राज ठाकरे की पार्टी मनसे ने अपनी पार्टी का झंडा बदला है इस पर तंज कसते हुए शिवसेना ने कहा है कि दूसरी बात ये कि इसके लिए एक नहीं, दो झंडों की योजना बनाना ये दुविधा या फिसलती गाड़ी के लक्षण हैं। राज ठाकरे और उनकी 14 साल पुरानी पार्टी ने मराठी के मुद्दे पर पार्टी की स्थापना की लेकिन अब उनकी पार्टी हिंदुत्ववाद की ओर जाती दिख रही है। इसे रास्ता बदलना कहना ही ठीक होगा।