बागेश्वर: डबल इंजन की सरकार में शिक्षा व्यवस्था बदहाल हो चुकी है। प्रदेश सरकार चाहे लाख दावे कर ले, लेकिन धरातल पर शिक्षा व्यवस्था बद से बदत्तर हो चुकी है। विशेष तौर पर पहाड़ी जिलों में तो विद्यालय सरकार की घोर उपेक्षा का शिकार हैं। ऐसा ही मामला देखने को मिला, बागेश्वर के देवतोली के इन्टर कॉलेज में, जो कि स्वत्रंन्तता सेनानी पदम सिह डसीला के नाम पर है, लेकिन ये आज अपनी बदहाली के आंसू रो रहा है।
देवतोली इन्टर कॉलेज बागेश्वर जिले का दूरस्थ विद्यालय है। यहाँ से 8 किमी का पैदल सफर करने पर बेरीनाग तहसील पडती है और कॉडा तहसील यहाँ से 25 किमी की दूरी पर है। ग्रामीण बताते हैं कि, पहले विद्यालय में अच्छा स्टाफ था, लेकिन धीरे- धीरे यहाँ स्टाफ की कमी होने के कारण और यातायात की सुविधाये नही होने के चलते, जो भी अध्यापक आते हैं, वह एक-दो साल में ही अपना स्थानान्तण करने में जुट जाते हैं। ग्रामीण बताते हैं कि यहाँ पहले आस-पास के कई गांवों के बच्चे पढने आते थे और कॉलेज में विद्यार्थियों की संख्या लगभग 2 से 3 हजार रहती थी। लेकिन आज कालान्तर में सुविधाओ के अभाव में लोग क्षेत्र से पलायन पलायन कर चुके हैं, जिससे आज कॉलेज में आज 200 के आसपास ही बच्चे रह गये हैं। यहाँ पलायन का एक मुख्य कारण शिक्षा व्यवस्था का ठीक न होना भी बताया जा रहा है।
स्कूल के बारे जानकारी देते हुए ग्रामीणों का कहना है कि, इस विद्यालय से पढ़े हुये बच्चे आज कई ऊँचे- ऊँचे पदो पर कार्यरत हैं।
ऐसे में ग्रामीणों की मांग है कि, यदि स्कूल में फिर से स्टाफ आ जाय, तो हो सकता है जो लोग शिक्षा के लिए पलायन कर चुके हैं, वे दोबारा से गाँव की ओर लौटें।
वहीँ मामले पर मुख्य शिक्षा अधिकारी कॉलेज की बदहाली पर बस आश्वासन ही देते नजर आ रहे हैं। और वे जल्द ही शाशन स्तर से कुछ प्रवक्ता बागेश्वर जिले के लिए मिलने की बात कहते हैं। साथ ही देवतोली इन्टर कॉलेज में भी खाली पड़े पदों को भी शीघ्र भरने की बात कहते हैं। लेकिन आज तक भी केवल आश्वासन के चलते बदहाल हुए इस कॉलेज में देखना होगा कि, मामले में कब तक शासन-प्रशासन नींद से जागता है, या फिर यूं ही उपेक्षा के चलते पूरा क्षेत्र पलायन से खाली होने का इन्तजार किया जाता है।