बागेश्वर: उत्तराखण्ड में पहाड़ी क्षेत्रों की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का हाल किसी से छिपा नहीं है। यहां भौगोलिक परिस्तिथियों, सरकारी उदासीनता, लाचार प्रशासनिक तंत्र और मानव सेवा कि शपथ लेने वाले डॉक्टरों का सुख-सुविधाओं के प्रति मोह जनता को बहुत भारी पड़ रहा है। यहां मरीजों को ईलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर होना पड़ रहा है। बागेश्वर के जिला अस्पताल में भी अब डॉक्टरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होने लगे हैं। यहां अस्पताल में ईलाज के नाम पर डॉक्टरों द्वारा केवल खानापूर्ती ही की जा रही है।
अस्पताल पहुंचे मरीजों का कहना है कि उन्हें अस्पताल में ईलाज नहीं मिल पा रहा है जिस कारण वो ईलाज के लिए भटकने को मजबूर है। उनका कहना है कि जिला अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी बदहाल है कि यहां सभी आवश्यक जांचे भी नहीं हो पा रही है। यहां डॉक्टर मरीजों को देखने नहीं आ रहे है। यहां स्टाफ नर्से केवल खाना पूर्ति के लिये मरीजों को केवल दर्द का इंजेक्शन लगा रहे हैं।
वहीं सीनियर डॉक्टर विजवाल का कहना है कि, हर रोज 400 से 500 मरीज जिला अस्पताल में ईलाज के लिए आते है। उन्होंने बताया कि मौसमी बीमारियों के चलते मरीजों की संख्या बढ़ जाती है जिस कारण हर रोज अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ रही हैं। यहां हर रोज लगभग 40 से अधिक मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है।