रूद्रप्रयाग: चार दिनों से हो रही लगातार बारिश से जिले के किसान सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। खेतों में धान की फसलें पक कर तैयार हो गयी हैं और बारिश के चलते पूरी फसल बरबाद हो गयी है। कास्तकार ना तो तैयार फसल को काट पा रहे हैं और ना ही कटी हुई फसल की मंडाई कर पा रहे हैं। वहीं कृषि विभाग मान तो रहा है कि भारी बारिश की मार किसानों पर पड़ रही है लेकिन विभाग के पास इस समस्या से निपटने के लिए कुछ भी नहीं है।
पूरे छह महीनों तक कृषि के जरये अपनी आजीविका चलाने वाले जिले के किसान इन दिनों अपनी खड़ी फसल को बरबाद होते देखने के लिए मजबूर बने हुए हैं। पहले तो जंगली जानवरों ने फसल को तबाह किया और अब उन पर दूसरी मार बारिश की पड़ गयी है। धान कटाई के वक्त पर हुई इस बारिश के कारण किसान न तो पकी हुई फसल को काट पा रहे हैं और जिन किसानों ने अपनी फसल को काट दिया है वे इसकी मण्डाई तक नहीं कर पा रहे हैं जिससे फसल सड़ने की कगार पर पहुंच चुकी है।
महिलाओं का कहना है कि खेती से जो धान मिलता है उसी से उनका गुजर-बसर होता है। अब ऐसे में सरकार से ही उम्मीद है कि कास्तकारों को इस बड़ी समस्या से उभर पाने में मदद करेगी।
वहीं कृषि विभाग भी स्वीकार रहा है कि जिले में लगातार बारिश से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है लेकिन विभाग का कहना है जिन कास्तकारों का फसल बीमा हो रखा है उन्हीं किसानों को मदद मिल पायेगी और जिन किसानों का बीमा नहीं है उनके लिए सरकार द्वारा दिये जाने वाले निर्देशों के बाद ही कुछ मदद दी जा सकेगी। जिस तरह से मौसम के कारण अब किसानों की आस अब टूटती दिख रही है, अगर ऐसे में सरकार की ओर से मदद नहीं मिलती है तो पलायन का दंश झेल रहे पहाड़ के गांव फिर से बीरानी की ओर बढ़ेंगे और खेती बंजर पड़ी दिखेगी।