देहरादून: प्रदेश में पिछले कुछ सालों से हेली सेवाओं में नौकरशाही की दखलंदाजी बढ़ी है। जिसके चलते प्रदेश में हेली सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। यदि हम पिछले चार सालों की बात करें, तो नागरिक उड्डयन विभाग में इन 4 सालों में 4 सचिव बदले गये। देखा गया कि सभी ने अपने-अपने अनुसार विभिन्न नियमों में बदलाव किये, जिसके चलते लगातार यह विवादों का कारण बनता रहा।
कोई निश्चित नियम नहीं होने के चलते नौकरशाह अपने हिसाब से नियमों को थोपते आये, जिसका असर यह रहा कि, ना ही यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल पाई और ना ही निवेशकों का विश्वास जीत सके। साथ ही प्रदेश के युवा भी कई इन निविशों से मिलने वाले रोजगार से भी महरूम रहे।
जहाँ सरकारें राज्य में प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने पर जोर देती है, वहीँ निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल बनाने में असफल रही है।