देहरादून: त्रिवेंद्र सरकार ने नए साल के पहले दिन उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को बड़ा तोहफा दिया है। प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों में खाली शिक्षकों के पदों को भरने का काम करते हुए छात्रों को नए साल का तोहफा दिया।
दरअसल, कई महीने पहले ही शिक्षकों के पदों को भरने की कवायद चल रही थी लेकिन नए साल के पहले दिन त्रिवेंद्र सरकार ने गेस्ट टीचरों की नियुक्ति कर सरकारी स्कूलों में खाली पड़े शिक्षकों के पदों को भरने का काम किया है। 834 एलटी और 4076 पदों को गेस्ट टीचरों के माध्यम से नियुक्ति देने को सरकार ने हरी झंडी दिखा दिया।
शिक्षा विभाग के द्वारा गेस्ट टीचरों की भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए थे जिसके लिए आज विभाग के द्वारा मेरिट जारी की गई है। प्रवक्ता पदों के लिए 46,513 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। वहीं एलटी पदों के लिए 20,770 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। आंकड़ों के जरिए यह भी समझा जा सकता है कि आखिरकार उत्तराखंड में पढ़े लिखे नौजवानों इतनी बड़ी तादाद है जो करीब 5 हजारों गेस्ट शिक्षकों के पदों पर 67283 के लगभग आवेदन शिक्षा विभाग को प्राप्त हुए।
त्रिवेंद्र सरकार के नए साल के पहले दिन भले ही उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों को तोहफा जरूर मिला हो लेकिन पूर्व में कई सौ गेस्ट टीचर ऐसे हैं जिन्हें मैड्रिड में नंबर न आने के चलते नए साल के अवसर पर बड़ा झटका भी लगा है। एलटी संवर्ग में सबसे ज्यादा गेस्ट टीचर पूर्व के बाहर हुए हैं क्योंकि मात्र 834 पदों पर एलटी संवर्ग के लिए आवेदन मांगे गए थे। जिस वजह से पूर्व के कई सौ गेस्ट टीचर बाहर हो गए हैं जिसके चलते शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे और त्रिवेंद्र सरकार के प्रति बाहर हुए गेस्ट टीचरों में भी रोष देखने को मिल रहा है।