नैनीताल: न्यायमूर्ति राजीव शर्मा के तबादले के बाद सोमवार को हाईकोर्ट बार और फुलकोर्ट रिफ्रेंस से विदाई दी गई। न्यायमूर्ति शर्मा का पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट तबादला हो गया है। हाईकोर्ट बार में हुए कार्यक्रम में न्यायमूर्ति ने युवा अधिवक्ताओं को कड़ी मेहनत और वरिष्ठों का सम्मान करने का सुझाव दिया। बार अध्यक्ष ललित बेलवाल ने उन्हें सकारात्मक सोच और गरीब तबके के प्रति संवेदनशील जज बताया।
इधर, मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन की अध्यक्षता में हुए फुलकोर्ट रिफ्रेंस में न्यायमूर्ति शर्मा को विदाई दी। हाईकोर्ट बार के सभागार में दोपहर बाद हुए विदाई कार्यक्रम में न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा कि, नैनीताल में दो साल का कार्यकाल उनके जीवन का स्वर्णिम समय है। कहा कि वर्तमान में संचार सुविधा का उपयोग कर अधिवक्ता अपनी बौद्धिक क्षमता बढ़ा सकते हैं। वरिष्ठों का सम्मान और नये विचार के लिए उन्होंने प्रेरित किया। कहा कि नैनीताल में बीते समय में समाज की बेहतरी के लिए योगदान देने की कोशिश की है। बार के सदस्यों ने कार्यक्रम के बीच उनसे सवाल भी किए। बार अध्यक्ष ने कहा कि समाज के दबे और कुचले लोगों के लिए न्यायमूर्ति शर्मा के दिल में अलग स्थान है। गंगा सहित अन्य कई फैसलों के लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा। यहां बार सचिव नरेंद्र बाली, प्रेम सिंह सौन, गौरा देवी देव, भुवनेश जोशी, वरिष्ठ अधिवक्ता एमसी कांडपाल, पुष्पा जोशी, विवेक शुक्ला, देवेश बिष्णोई, दुष्यंत मैनाली, योगेश पचौलिया, अकरण परवेज, विलाल अहमद, सुरेश दुम्का,डीके जोशी आदि रहे। उधर फुलकोर्ट रिफ्रेंस में चीफ जस्टिस के साथ ही न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया, न्यायमूर्ति आलोक सिंह, न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह, न्यायमूर्ति मनोज तिवारी, न्यायमूर्ति शरद शर्मा के साथ ही रजिस्ट्रार जनरल प्रदीप पंत, महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और बार अध्यक्ष ललित बेलवाल ने विचार रखे। यहां सीएससी परेश त्रिपाठी, जीएस जीएस संधू, राकेश थपलियाल, अवतार सिंह आदि रहे।