देहरादून: प्रदेश में राशन की दुकानों पर होने वाली कालाबाजारी रोकने के लिए जल्द ही प्रदेश की सभी सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर बायोमेट्रिक मशीनें लगाई जाएंगी। सस्ते गले की दुकान से राशन तभी मिल पाएगा जब आपका आधार लिंक होगा और अंगूठा लगते ही आपकी जानकारी मशीन पर दिखाई देगी। थंब इंप्रेशन मैच नहीं करने की स्थिति में राशन नहीं मिल पाएगा। विभाग की मानें तो इससे प्रदेश में बड़ी मात्रा में होने वाली गड़बड़ी पर रोक लग जाएगी।
हैलो उत्तराखंड न्यूज से बात करते हुए प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति आनंद वर्द्धन ने बताया कि प्रदेश भर की 1073 सस्ते गले की दुकानों परं सरकार बायोमेट्रिक मशीन लगाने जा रही है। भारत सरकार ने इसके लिए (सीएससी) कॉमन सर्विस सेंटर को जिम्मा सौंपा हैं जो जल्द ही प्रदेश भर की सस्ते गले की दुकानों में बायोमेट्रिक मशीन लगाने का काम शुरू कर देगी।
पहले से चल रहा पायलट प्रोजेक्ट
प्रदेश में राशन की दुकानों पर बायोमेट्रिक मशीन लगाने की योजना करीब तीन साल पुरानी है। पिछले साल इसके तहत प्रदेश के कुछ जिलों में 68 दुकानों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत चुना गया था। इन दुकानों पर सिस्टम पहले से ही काम कर रहा है। आधार फीडिंग पूरी होने के बाद योजना को प्रदेशभर में लागूं किया जा रहा है।
ऐसी होबी मशीन
मशीन में 512 जीबी के रैम होने के साथ ही चार जीबी की इंटरनल मैमोरी है। साथ ही एसडी कार्ड के माध्यम से भी चार जीबी का डाटा सेव किया जा सकता है। मशीन की खासियत है कि यह आनलाइन व आफलाइन दोनों ही मोड में काम करेगी।
ऐसे काम करेगी मशीन
मशीन में उपभोक्ता द्वारा थंब इंप्रेशन के बाद मशीन में आधार नंबर की पुष्टि होने पर ही उसे दुकान से राशन मिलेगा। राशन लेने के बाद उपभोक्ता को स्लिप मिलेगी जिसमें दुकानदार का नाम, स्थान, यूनिट की संख्या, कार्डधारक का नाम व लिये गये राशन के मूल्य के साथ ही शेष राशन का ब्यौरा अंकित होगा। कोटे का बचा हुआ राशन उपभोक्ता बाद में ले सकता है लेकिन अगले माह में लेने पर कोटा लैप्स हो जायेगा जिसके लिए उपभोक्ता को उसी माह में राशन लेना आवश्यक होगा। दुकानों में बायोमेट्रिक मशीन लगने के बाद उपभोक्ता और दुकानदार पर सीधे बंगलूरू से नजर रखी जायेगी। मशीन में थंब इंप्रेशन के बाद उपभोक्ता का आधार नंबर सेंट्रल सर्वर बंगलूरू से लिंक हो जायेगा।