का पालन तो किया है, लेकिन अधूरी सूचना दी हैउन पर सुप्रीम कोर्ट ने एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
जिन राज्यों पर दो-दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है, उनमें उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, मिजोरम, असम, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं।
गौरतलब है कि देशभर में विधवाओं के हालात पर सुप्रीम कोर्ट ने पांच लोगों की कमेटी बनाई थी। कमेटी में सामाजिक कार्यकर्ता और वकील शामिल हैं।
18 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि सामाजिक बंधनों की परवाह न करते हुए वह ऐसी विधवाओं के पुनर्वास से पहले पुनर्विवाह के बारे में योजना बनाए जिनकी उम्र कम है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि पुनर्विवाह भी विधवा कल्याकारी योजना का हिस्सा होना चाहिए।वहीं सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के रोडमैप पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें सफाई, पौष्टिक भोजन, सफाई समेत कई मुद्दों पर खामियां हैं। कोर्ट ने यहां तक कहा कि विधवा महिलाओं से बेहतर खाना जेल के कैदियों को मिलता है।