उत्तरकाशी से मुकुल नौटियाल की रिपोर्ट
उत्तरकाशी : मोरी विकास खंड आग की घटनाओं की संख्या साल दर साल बढ़ती गई है। लेकिन आज तक इससे निपटने के लिए प्रशासन के साथ ग्रामीणों की ओर से कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया है। वहीं इन आग की घाटनाओं के कारण ग्रामीणों को जहां अपने अशियानें गंवाने पड़ रहे है, वहीं उन्हें भारी आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
मोरी विकासखंड में ग्रामीण अपने भवनों का निर्माण लकड़ी से करने के साथ तीन से पांच मंजीला बनाते हैं। वहीं इस क्षेत्र में अधिकांश आग की घटना इन लकड़ीनुमा घरों के बने होने के कारण ही मानी जा रही है। लकड़ी से बने भवन थोड़ी सी असावधानी बरतने से ही आग की चपेट में आ जाते है। देवदार की लकड़ी पर आग लगने से वह विकराल रूप धारण कर गांव के अन्य भवनों को अपने आगोश में ले आती है और इससे दर्जनों भवनों को नुकसान पंहुच जाता है। क्षेत्र के ग्रामीण अपने पूर्वजों के समय से चली आ रही प्रथा के अनुसार ही लकड़ीनुमा भवनों का निर्माण अब भी कर रहे है। इन भवनों की खासियत है कि ये भवन गर्मी में ठंडे और सर्दी में गर्म होते है। लकड़ीनुमा भवनों में आग लगने की घटनाओं के बढ़ने पर भी स्थानीय ग्रामीणों इनमे कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं और न ही शासन-प्रशासन की ओर से इस बारे में कोई कारगर कदम उठाये जा रहे है।
नहीं है सड़क की सुविधा
मोरी विकास खंड के अधिकांश गांवों में लकड़ी के मकान बने हुये है। जिले के ऐसे ज्यादातर गांवों में सड़क सुविधा नहीं है। साथ ही अधिकतर गांव में पीने के पानी की भी समस्या है। ऐसे में आग पर काबू पाने के लिए पानी कहां से उपलब्ध हो सके। यही हाल सावंणी गांव का भी रहा जो कि सड़क से सात किमी दूर तथा पानी कि कमी से जूझ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि भले ही फायर सर्विस की गाड़ी गांव में लगी आग को बुझाने के लिए पानी लेकर तो आई लेकिन सड़क नहीं होने के कारण आधे रास्ते में ही खड़ी हो गई।
घर बनाने में पांच से दस लाख का आता है खर्च
मोरी क्षेत्र में लकड़ी के घर बनाने में लाखों का खर्चा आता है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि लकड़ी का तीन से पांच मंजीला भवन बनाने में पांच से दस लाख तक का खर्चा आता है। व्यक्ति अपनी सुविधानुसार घर बनाता है।
मोरी में आग से हुए नुकसान का विवरण
वर्ष गांव का नाम नुकसान
दिसंबर 2006 ढाटमीर 120 भवन जले एक व्यक्ति की मौत
दिसंबर 2007 ओसाला 53 भवन जले
मार्च 2008 कोटगांव 8 भवन जले
मई 2010 सिदरी 40 मकान जल दो व्यक्ति की मौत
नवंबर 2011 धारा 3 भवन जले
दिसंबर 2011 पैंसर 14 भवन जले
मार्च 2012 सटुड़ी 3 भवन जले
नवंबर 2013 सुनकुंडी 22 भवन जले
वर्ष 2016 हरिपुर रेखच्चा 6 भवन जले
वर्ष 2017 चार घटनाओं में 12 भवन जले
जनवरी 2018 देवजानी गांव में आग से एक दर्जन मवेशी झुलसे