बागेश्वर: रोडवेज बस स्टेशन का उदघाटन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा 19 फरवरी को किया गया। स्टेशन से 5 बसों का संचालन होना था। उदघाटन हुए एक महीना बीतने को है लेकिन आज तक रोडवेज स्टेशन से 5 बसों का संचालन तो दूर स्टेशन पर स्टाफ ही नहीं है। रोडवेज स्टेशन मात्र शोपीस बन कर रह गया है।
बागेश्वर में रोडवेज बस स्टेशन की मांग लंबे समय बाद पूरी तो हुई। लेकिन बस स्टेशन में कर्मचारियों का टोटा, 5 बसों का संचालन न होने, कैंटीन बंद होने से यात्री अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। जिसके चलते हर वक़्त रोडवेज परीसर में सनाटा पसरा हुआ है। वहीं नागरिक मंच के अध्यक्ष पंकज पांडे ने बताया कि सरकार द्वारा बागेश्वर की जनता को बेवकूफ बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 5 साल से जनता को उम्मीद थी कि बागेश्वर में रोडवेज बस डिपो बन रहा है। वहीं बागेश्वर विधायक द्वारा भी खुले मंचों से कहा गया था कि बागेश्वर बस डिपो के लिए 10 बसें अल्मोड़ा में खड़ी हैं। लेकिन जब बागेश्वर में मुख्यमंत्री द्वारा रोडवेज बस स्टेशन का उदघाटन किया गया तो आम जनता अपने को ठगा महसूस करने लगी। उन्होंने बताया कि बस स्टेशन बनने के बाद भी यहां से बसों का नियमित संचालन नहीं हो रहा है। वहीं रोडवेज कर्मी का कहना है कि स्टेशन में स्टाफ की कमी है। धीरे-धीरे स्टाफ बढेगा। तभी बसों का संचालन सही तरीके से होगा। प्रयास किया जा रहा है कि स्टेशन से यात्रियों को बसों की नियमित सुविधा मिल सके।
वहीं जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने बताया कि स्टेशन से बसों के संचालन के कड़े निर्देश दिए गए हैं। अगर किसी भी तरह की लापरवाही सामने आती है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं उन्होंने बताया कि स्टाफ की कमी के लिए शासन स्तर पर पत्राचार किया गया है। जल्द स्टाफ की कमी को पूरा किया जाएगा। साथ ही डिपो बनाने के लिए कार्रवाई चल रही है। जल्द सभी कमियों को दूर कर दिया जाएगा।
जनपद बने भले ही 20 साल हो गए हो लेकिन जिले को आजतक पूर्णतः अपना बस डिपो नही मिल पाया। परिवहन विभाग ने स्टेसन का दर्जा दे दिया लेकिन वाहन देना शायद भूल गया अब देखने वाली बात होगी शासन-प्रशासन कब तक अपना वादा पूरा करने में कायम होता है।