देहरादून: केदारनाथ धाम हेली सेवा में नायाब मामला देखने को मिल रहा है। यहाँ टेंडर प्राप्त कम्पनी की वेबसाइट पर हवाई टिकट की बुकिंग ही उपलब्ध नहीं है, जबकि अन्य एक कंपनी जोकि धाम के लिए उड़ान नहीं भर रही है, वो टिकट बुक कर रही है। जोकि पूरी तरह नियमविरुद्ध है।
दरअसल, टेंडर के बाद सभी कंपनियों को खुद की हवाई टिकट की बुकिंग का जिम्मा भी सौंपा गया। जिसमे से 70 प्रतिशत टिकटों की बिक्री ऑनलाइन करना अनिवार्य है। लेकिन, धाम के लिए उड़ान भर रहे इंडोकोप्टर एविएशन की ऑनलाइन वेबसाइट ही बंद पड़ी है। जबकि कम्पनी के हेलीकॉप्टर उड़ान भर रहे हैं। ऐसे में यह मामला टिकटों की कालाबाजारी की ओर इशारा कर रहा है। वहीँ फाटा-केदारनाथ के लिए हेली टिकटों की बिक्री रॉयल एविएशन कर रहा है। जबकि उक्त एविएशन की यात्रा के लिए कोई भूमिका ही तय नहीं की गई है। लेकिन मामले में हैरानी की बात है कि, यूकाडा एक बार फिर नियमों की धज्जियां उड़ने पर भी खामोश तमाशबीन बना हुआ है।
इस यात्रा वर्ष में धाम के लिए हवाई टिकटों की कालाबाजारी चरम पर पहुंची है। यहाँ तक कि, जीएमवीएन के हवाई टिकट काउंटरों पर भी लोगों ने निर्धारित मूल्य से पांच-पांच हजार अतिरिक्त लेकर कुछ लोगों पर टिकट बिक्री का आरोप लगाया। जबकि टिकट काउंटर लाइन में लगे लोगों को घंटों खड़े होकर भी टिकट नहीं मिल पाए। इसके आलावा किसी भी कंपनी की ऑनलाइन टिकट भी लोगों को उपलब्ध नहीं हो पा रहे। और कम्पनियों पर सभी टिकट बड़े टूर ऑपरेटरों को बेचने का भी आरोप लगा रहा है। अब चाहे मामला जो भी हो, लेकिन हवाई सेवा के लिए यात्रियों को कई परेशानियों का सामना करना पड रहा है। यात्रियों को कड़ी मशक्कत के बाद भी हवाई टिकट उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं, और कुछ को मिल भी जाये तो तय किराये से कई अधिक ऊँचे दामों पर उन्हें खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।