पिथौरागढ़: उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के पुरोधा ‘नशा नही रोजगार दो’ जैसी मुहिम को चलाने वाले स्वर्गीय निर्मल पण्डित की बुधवार को 20वीं पुण्यतिथी है। इस अवसर पर शहीद स्मारक पिथौरागढ़ में लोगों ने निर्मल पण्डित को भावभीन श्रद्धाजंलि देकर उनको याद किया।
उत्तराखण्ड में राज्य प्राप्ती का बीज बोने वाले स्व. पण्डित 45 दिन अस्पताल में रहने के बाद आज के ही दिन दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में 16 मई 1998 को मृत्यु को प्राप्त हुए थे। दुर्भाग्यवश इस आन्दोलनकारी को अब तक की सभी राज्य सरकारें भूल सी गई हैं, लेकिन राज्य आन्दोलन से जुडे अनके साथी इन्हें नहीं भूले हैं। हर साल उनकी शहादत के दिन उनको याद किया जाता है। राज्य आन्दोलन के योगदान और ‘नशा नही रोजगार दो’ मुहिम के रास्ते पर चलकर उन्होंने प्रदेश को खुशहाल बनाने के रास्ते पर चलने का संकल्प लिया गया।
गौरतलब है कि, उत्तराखण्ड के जनसरोकारों से जुडे क्रान्तिकारी छात्र नेता स्वर्गीय निर्मल जोशी पण्डित छोटी उम्र में ही जन-आन्दोलनों की बुलन्द आवाज बन कर उभरे थे। शराब माफिया, खनन माफिया के खिलाफ संघर्ष तो वह पहले से ही कर रहे थे, लेकिन 1994 के राज्य आन्दोलन में जब वह सिर पर कफन बांधकर कूदे तो, आन्दोलन में नयी क्रान्ति का संचार होने लगा।