नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 में हुए निर्भया कांड की आज छठी बरसी है। 16 दिसंबर की रात को चलती बस में एक मेडिकल की छात्रा (निर्भया) के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया था।
गैंगरेप की इस घटना ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया था। इस घटना से गुस्साए लोगों ने इंडिया गेट से लेकर जंतर-मंतर तक प्रदर्शन किया। 23 वर्षीया निर्भया ने मौत से 13 दिन तक जूझते हुए इलाज के दौरान सिंगापुर में दम तोड़ दिया था। इस हादसे के बाद को ‘दुष्कर्म’ की राजधानी’ की संज्ञा दी जाने लगी।
निर्भया के साथ 6 लोगों ने गैंगरेप किया था जिसमें एक नाबालिग भी शामिल था। निर्भाया के साथ रेप करने के बाद दरिंदों ने उसके गुप्तांग में लोहे की रॉड डाल दी थी। आखिर मौत से 13 दिन तक जूझते हुए उसने सिंगापुर में दम तोड़ दिया था।
निर्भया के साथ हुए इस हादसे को लेकर उसे इंसाफ दिलाने के लिए बड़े स्तर पर धरने-प्रदर्शन हुए। निर्भया गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट 9 जुलाई 2018 को बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिका पर कोर्ट ने फैसला बरकरार रहेगा, और कहा की तीनों को फांसी होगी।
वहीं आज निर्भया की मां आशा देवी ने बेटी को याद कर कहा कि दुष्कर्म जैसे अपराध के मामलों में अपराधी आज भी जीवित हैं। यह कानून व्यवस्था की बड़ी विफलता है। हम लड़कियों से कहना चाहते हैं कि वो खुद को कभी भी कमजोर नहीं समझे । वहीं उनके मां-बाप से यह कहना चाहते हैं कि वह कभी भी अपनी लड़िकयों को शिक्षा मुहैया कराने से नहीं हिचके।
Asha Devi, mother of Dec 16 Delhi gangrape victim: Culprits in a criminal case like this are still alive. It's a failure of law & order situation. We want to tell the girls everywhere to not consider themselves weak & request parents to not deprive their girls of education pic.twitter.com/SwzVxdH9ss
— ANI (@ANI) December 15, 2018