उत्तरकाशी: प्रदेश में इन दिनों निकाय चुनावों का दंगल चल रहा है। आज चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह भी आवंटित किए जा चुके हैं। लेकिन, उत्तरकाशी में निकाय चुनाव के साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष पद की सियासत भी गर्माने लगी है। अब देखना होगा कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सत्ताधारी भाजपा क्या दांव लगाती है। दरअसल, जशोदा राणा ने अपने जिला पंचायत वार्ड पौंटी की वोटर लिस्ट से अपना नाम कटवा दिया था। उनका नाम अब फिर से सूची में दर्ज नहीं हो पाएगा।
ऐसे में उनकी जिला पंचायत की सदस्यता भी स्वतः ही समाप्त हो गई है। इससे साफ है कि अब वो जिला पंचायत अध्यक्ष भी नहीं रही। पंचायतीराज विभाग और जिला निर्वाचन अधिकारी ने बाकायदा शासन को पत्र भी भेज दिया है। अब उनकी जगह नया अध्यक्ष बिठाए जाने की चर्चाएं गर्म होने लगी हैं, लेकिन यहां भाजपा के सामने एक बड़ी परेशानी भी है।
जिला पंचायत उत्तरकाशी में उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस का कब्जा है। ऐसे में भाजपा कभी नहीं चाहेगी कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर किसी कांग्रेसी को बिठा दे। भाजपा के पास इस समय दो विकल्प हैं। या तो पार्टी कांग्रेस के जिला पंचायत अध्यक्ष को पार्टी में शामिल कर ले या फिर से चुनाव कराए, लेकिन केवल अध्यक्ष पद पर चुनाव कराना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इस मामले जिला पंचायत सदस्य दीपक बिजल्वाण का कहना है कि यह मामला राजनीति करने वालों के लिए एक नजीर बनेगा। इससे एक मानदंड तय हो गया कि किस तरह से हर जगह नियमों के विपरीत जाकर दिक्कतें हो सकती हैं।
जिला पंचायत राज अधिकारी चमन सिंह ने बताया कि नियमानुसार जब कोई सीट खाली होती है, तो उस पद पर अधिक तम समय छः महिने के लिए उपाध्यक्ष को चार्ज दिये जाने का प्रावधान है। अगर इस बात को माना गया तो, जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रकाश चंद्र रमोला को जिला पंचायत अध्यक्ष का चार्ज मिलना तय है।
इधर, भाजपा ने भी अपनी चुनावी विसात बिछानी शुरू कर दी। जानकारी के अनुसार भाजपा कुछ मिहनों बाद इस सीट पर चुनाव करा सकती है। हालांकि अभी यह इतना आसान नहीं है, जितना इसे देखा जा रहा है। नियमों को देखा जाए तो फिलहाल जिला पंचायत उपाध्यक्ष को ही चार्ज दिया जाना तय है। निकाय चुनाव के बाद भाजपा जिला पंचायत अध्यक्ष पद को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है। अब देखना यह होगा कि सियासत किस करवट बैठती है।