नैनीताल: प्रदेश के सात में से पांच निगमों में सीटों के आरक्षण को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर कोर्ट में सुनवाई की गई। कोर्ट ने मेयर के लिए सीटों के आरक्षण पर आपत्ति की याचिका खारिज करते हुए कहा कि चुनावों की अधिसूचना जारी होने के बीच चुनाव रद्द नहीं किए जा सकते। इससे सरकार को भी बड़ी राहत मिली है।
प्रदेश में रुड़की को छोड़ 7 में से 5 निगमों में किए गए आरक्षण को कोर्ट में चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि आरक्षण सही ढंग से नहीं हुआ। हालांकि कोर्ट ने याचिकाकर्ता को चुनाव के बाद याचिका दायर करने की छूट प्रदान की है।
याचिका के खारिज होने के बाद सरकार को भी बड़ी राहत मिली है। सरकार पर पहले भी अपने चहेते उम्मीदवारों को लाभ पहुंचाने के लिए सीटों के आरक्षण किए जाने के आरोप लगे। आरक्षण में जरूरी मानकों का ख्याल नहीं रखने के आरोप भी सरकार पर लगाए गए थे। इसको देखते हुए याचिका का खारिज होना सरकार के लिए बड़ी राहत मानी जा रही है।