नैनीताल: हाई कोर्ट ने बाजपुर-सितारगंज एनएच मुआवजा घोटाला मामले में निलंबित किए गए ऊधमसिंह नगर के पूर्व जिलाधिकारी आइएएस पंकज कुमार पांडे की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई दस दिन बाद होगी।
हाल ही में शासन ने निलंबित आइएएस पांडे के साथ ही पूर्व डीएम चंद्रेश यादव को एनएच घोटाला मामले की जांच कर रही एसआइटी की रिपोर्ट के आधार पर निलंबित कर दिया गया था। एसआइटी ने दोनों अफसरों के खिलाफ अभियोजन को लेकर शासन से अनुमति मांगी थी। जिसके बाद पांडे ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। शुक्रवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में मामले में सुनवाई हुई।
इस दौरान सरकार का पक्ष भी सुना गया। जिसके बाद कोर्ट ने सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई दस दिन बाद नियत कर दी। इस घोटाले में अब तक 24 आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि 18 किसानों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हो चुके है।
अब तक का सबसे बड़ा घोटाला
एनएच मुआवजा घोटाला उत्तराखंड का सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है। अब तक 545 दिन की जांच में एसआइटी 211 करोड़ रुपये घोटाले की पुष्टि कर 23 लोगों को जेल भेज चुकी है। माना जा रहा है कि कई और किसान जेल जा सकते हैं, वहीं घोटाला भी 300 करोड़ तक पहुंच सकता है।
एनएच मुआवजा घोटाले में केस दर्ज होने के बाद 15 मार्च 2017 को घोटाले की जांच को एसआइटी का गठन किया गया था। जांच के दौरान एसआइटी ने सात नवंबर को निलंबित पीसीएस भगत सिंह फोनिया समेत आठ अधिकारी और कर्मचारियों को गिरफ्तार कर गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू कर दिया था। करीब 545 दिन की जांच में एसआइटी अब तक 23 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।