राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने देश में बिकने वाली अपनी डीजल कारों में उत्सर्जन छिपाने वाले उपकरण का इस्तेमाल कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के कारण जर्मनी की वाहन निर्माता कंपनी फॉक्सवैगन पर बृहस्पतिवार को 500 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। एनजीटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कंपनी को दो महीने के भीतर यह राशि जमा कराने को कहा है। एनजीटी ने 16 नवंबर 2018 को कहा था कि फॉक्सवैगन ने देश में डीजल कारों में उत्सर्जन छिपाने वाले उपकरणों का इस्तेमाल कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है।
एनजीटी ने तब कंपनी को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के पास 100 करोड़ रुपये की अंतरिम राशि जमा कराने को कहा था। अधिकरण ने सीपीसीबी, भारी उद्योग मंत्रालय, ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया और राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी शोध संस्थान के प्रतिनिधियों का एक संयुक्त दल भी गठित किया था।
संयुक्त दल ने दिल्ली में अत्यधिक नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन से लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने को लेकर 171.34 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने का सुझाव दिया था। एनजीटी में एक शिक्षक ऐलावदी एवं कुछ अन्य लोगों की याचिका पर सुनवाई हो रही थी। इन याचिकाओं में उत्सर्जन संबंधी प्रावधानों के उल्लंघन को लेकर फॉक्सवैगन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गयी थी।
National Green Tribunal slaps Rs 500 Crore fine on Volkswagen for damaging environment through the use of 'cheat device' in its diesel cars. Volkswagen has to deposit the amount with Central Pollution Control Board within 2 months. pic.twitter.com/6yTw4OSSPH
— ANI (@ANI) March 7, 2019