बागेश्वर: बागेश्वर के कुलदीप साह गंगोला ने अपनी डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म से देश-विदेश में उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। इस होनहार युवा निर्देशक द्वारा बनाई गई डाक्यूमेंट्री फिल्म ‘घोस्ट विलेज आफ हिमालया’ को न्यूर्याक फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट शार्ट फिल्म का आडियंस अवार्ड मिला है।
युवाओं द्वारा पहाड़ से हो रहे पलायन को लेकर बनी इस फिल्म की ऑस्कर तथा एमी अवार्ड्स से नवाजे गए मसहूर एडिटर और फिल्ममेकर बॉब ऐसनहर्टड और सिनेमेटोग्राफ़र क्लाउडिया रैस्की ने भी खूब सराहना की है। वहीँ इस डाक्यूमेंट्री फिल्म को काफी पसंद किया जा रहा है। एक स्लाईड शो प्रोग्राम में इस डाक्यूमेंट्री को दिखाने के दौरान इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होने कहा कि, इस डाक्यूमेंट्री को बनाने में करीब छह माह का समय लगा।
बागेश्वर के प्रतिष्ठित कपड़ा व्यापारी आलोक साह गंगोला के इस होनहार पुत्र की डाक्यूमेंट्री बागेश्वर जिले के खोलाखेत गांव में रहने वाली 89 वर्षीय अम्माजी की कहानी है। लगभग खाली हो चुका यह गांव पलायन का दंश झेल रहा है। यहां पर अब बूढ़ी अम्मा और गांव के कुछ लोग रहते हैं। उम्र के इस पड़ाव में उसका गांव और अपने घर के प्रति प्रेम को इस फिल्म के जरिए दिखाया गया है। अम्माजी ने अपने उम्र के एक पड़ाव में पूरा आबाद गांव देखा। अब वह खाली गांव देख रही हैं। दूसरी ओर फिल्म में बेहतरीन तरीके से जंगली जानवरों के आतंक को भी दिखाया गया हैं। फिल्म में आखिरी पड़ाव में पहुंची अम्मा की कहानी का फिल्मांकन सभी को सोचने के लिए मजबूर करती है।
न्यूयार्क फिल्म एकेडमी में पढ़ाई कर रहे डाक्यूमेंट्री फिल्म के निर्देशक कुलदीप साह गंगोला ने बताया कि, इस फिल्म को न्यूयार्क फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट शार्ट फिल्म का आडियंस अवार्ड मिला है। उन्होंने बताया कि आगे कई प्रोजेक्ट हैं जिन पर काम किया जा रहा है। साथ ही कहा कि, यहां काफी संभावनाएं व प्रतिभाएं हैं, जिनको साथ लेकर काम करने की योजना है ताकि उन्हें भी कुछ लाभ मिल सके।