उत्तराखंड में विकास की नई पहल: वैडिंग डेस्टिनेशन, नाइट लैंडिंग, और शहरी विकास पर जोर

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Dehradun: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में वैडिंग डेस्टिनेशन विकसित करने के लिए पर्यटन विभाग को 04 सप्ताह के भीतर नीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं। पंतनगर और देहरादून एयरपोर्ट पर विमानों की नाइट लैंडिंग की व्यवस्था को जल्द से जल्द लागू करने और दो नए शहरों के विकास की कार्ययोजना को धरातल पर लाने के लिए तेजी से कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही गंगा और शारदा कॉरिडोर के विकास और डाकपत्थर में प्रस्तावित नॉलेज सिटी के निर्माण कार्य को चरणबद्ध तरीके से पूरा करने को कहा गया है। मुख्यमंत्री ने सभी परियोजनाओं पर जून 2026 तक विधिवत कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए।
विरासत के साथ विकास पर जोर
बुधवार को सचिवालय में उत्तराखंड निवेश और आधारभूत संरचना विकास बोर्ड (यूआईआईडीबी) की तीसरी बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की आगामी 25 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सुनियोजित योजनाएं बनाई जाएं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए राज्य में अल्पकालिक, मध्यमकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं पर कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए जनप्रतिनिधियों और स्टेक होल्डर्स के सुझाव शामिल किए जाएं और नियमित समीक्षा की जाए।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड को एक प्रमुख वैडिंग डेस्टिनेशन के रूप में पहचान दिलाने के लिए अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर विशेष जोर दिया। इसके लिए वेडिंग प्लानरों और होटल समूहों से सहयोग लेकर प्रचार-प्रसार की रणनीति पर भी काम करने को कहा। उन्होंने दो नए शहरों के विकास के लिए स्पष्ट कार्ययोजना बनाने और सभी बुनियादी सुविधाओं को विकसित करने के निर्देश दिए।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के स्थानों का विकास
गंगा और शारदा कॉरिडोर के पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए इन परियोजनाओं को प्राथमिकता देने की बात कही गई। यूआईआईडीबी की परियोजनाओं के तहत तीर्थ और पर्यटन स्थलों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूआईआईडीबी का गठन राज्यहित में किया गया है, और इसके उद्देश्यों के परिणाम शीघ्र धरातल पर दिखने चाहिए।
बैठक में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक मदन कौशिक, रेनू बिष्ट, अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, तथा अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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