काठमांडू : नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच गुरुवार को प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने इस्तीफा दे दिया। उनकी जगह अब केपी ओली (65) देश की सत्ता संभालेंगे। बुधवार को नेपाल की कम्यूनिस्ट पार्टी सीपीएन-यूएमएल ने ओली का नाम बतौर पीएम आगे बढ़ाया था। देउबा ने पिछले वर्ष जून में अपना पद संभाला था। ओली 11 अक्टूबर 2015 से तीन अगस्त 2016 तक देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। ओली को उनके चीन प्रेम के लिए नेपाल में जाना जाता है। साफ है कि ओली का आना कहीं न कहीं भारत के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है। देउबा सीपीएन (माओवादी सेन्टर) के समर्थन से पिछले वर्ष 6 जून को नेपाल के 40वें प्रधानमंत्री बने थे।
प्रचंड ने नेपाली कांग्रेस के साथ एक समझौते के तहत इस्तीफा दिया था। अगस्त 2016 में गठबंधन के समय यह तय किया था कि दोनों पार्टी के नेता बारी-बारी से प्रधानमंत्री बनेंगे। इसी समझौते के तहत जून में देउबा नेपाल के 40वें प्रधानमंत्री के रूप में चुने गए थे।
ललितपुर में पार्टी की स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग में तय हुआ कि ओली को न सिर्फ पीएम पद का उम्मीदवार चुना जाएगा बल्कि उन्हें संसदीय दल का नेता भी बनाया जाएगा। ओली की पार्टी नेपाल की संसद में सबसे बड़ी पार्टी है और ऐसे में वह इस पद के स्वाभाविक उम्मीदवार बन गए हैं। हालांकि ओली के पास माओवादी नेताओं का बहुमत भी अच्छा खासा है।
गौरतलब है कि ओली के वामपंथी गठबंधन ने करीब 2 महीने पहले हुए संसदीय और स्थानीय चुनावों में नेपाली कांग्रेस को हराया था। राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने 65 वर्षीय ओली को देश का 41वां प्रधानमंत्री नियुक्त किया।