पिथौरागढ़: कोरोना वायरस को देखते हुए पूरे देश में लॉक डाउन लगाया गया हैं। वही पड़ोसी मुल्क नेपाल के हज़ारों दैनिक मज़दूर पिथौरागढ़ में रोज़ी रोटी की तलाश में आते हैं।
आपको बता दें कि भारत और नेपाल के पारंपरिक तौर पर रोटी और बेटी के रिश्ते रहे हैं। भारी तादाद में नेपाली नागरिक सीमावर्ती पिथौरागढ़ ज़ीले समेत उत्तराखंड के अन्य हिस्सों में आजीविका की तलाश में आते हैं। लेकिन वैश्विक कोरोना वायरस की भारत में दस्तक होते ही लॉक डाउन कर दिया गया है। इस हालात में भारत की राजधानी दिल्ली समेत अन्य शहरों में काम करने वाले हजारों मजदूर पैदल अपने-अपने घरों की तरफ कूच कर रहे हैं। ठीक यही स्थिति नेपाली मज़दूरों के साथ भी है। वो किसी भी तरह अपने घर वापस जाना चाहते हैं। लेकिन नेपाल प्रशासन उनको अपनी सीमा में एंट्री देने में अनाकानी कर रहा है। जिसके गुस्साए नेपाली मज़दूरों ने धारचूला काली नदी किनारे नेपाली सरकार के खिलाफ प्रर्दशन किया। वहीं धारचूला पुलिस का कहना हैं कि इसकी संख्या लगभग 500 से ज़ैदा है और बढ़ती जा रही है। भारत और नेपाल ने अपनी अपनी बॉर्डर्स पहले से ही सील की हुई है इसलिए जबतक नेपाल सरकार से कुछ फैसला न आ जाए, तब तक एहितियात के तोर पर इनको अलग अलग जगह रखने पर प्रशासन काम कर रही है। और उनके रहने और खाने का प्रशासन द्वारा पूरा ख्याल भी रखा जा रहा है।
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