नई दिल्ली: लोकसभा सत्र के एक दिन पहले ख़ासकर चारराज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम का इंतज़ार किए बिना इस्तीफ़ा देकर कुशवाहाने निश्चित रूप से इस बात का संकेत दिया है कि लोकसभा चुनाव और उसके बाद बिहार केविधानसभा चुनावों में वो अब एनडीए के साथ नहीं बल्कि नीतीश कुमार को सता से बेदख़लकरने के अपने लक्ष्य पर काम करते दिखेंगे। कुशवाहा ने इस संबंध को पीएम मोदी को एकपत्र भी लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि मैं जबरदस्त आशा और उम्मीदों के साथआपके नेतृत्व में एनडीए का साथ पकड़ा था। 2014 को लोकसभा चुनाव में आपने बिहार केलोगों से जो भी वादे किए थे, उसी को देखते हुए मैंनै अपना समर्थन बीजेपी को दिया था।
बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा के केंद्रीयकैबिनेट और एनडीए से अलग होने की चर्चा काफी समय से थी। इस पूरे प्रकरण की शुरुआतउस वक्त हुई, जब दिल्ली में अमित शाह ने ऐलान किया कि बिहार में भाजपा औरजेडीयू बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इस ऐलान के ठीक बाद उपेंद्र कुशवाहाऔर तेजस्वी यादव के मुलाकात की तस्वीरें सामने आई।
गौरतलब है कि मंगलवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है, उससे पहले आज एनडीए की बैठक होनी है। इस बैठक में उपेंद्र कुशवाहा ने जाने से मना कर दिया था।