देहरादून: थाना राजपुर के अंतर्गत शुक्रवार को आवेदक दौलत सिंह पुत्र धोंकर सिंह निवासी ग्राम सिलकोटी पो.ओ. सहस्त्रधारा थाना राजपुर देहरादून ने लिखित सूचना दी कि, मुझे एक चोपहिया गाडी की आवश्यकता थी तो मुझे नसीम अख्तर निवासी जोहडी मिला, जिसकी वर्कशाप कुठालगेट पर स्थित है। उसने मुझे दिसम्बर 2017 में एक अल्टो LXI गाडी एक लाख रुपये में दी, जिसका नम्बर यूए07 जे 8822 है। गाडी की आरसी और ट्रासफर के पेपर आदि भी आरटीओ से नसीम ने ही मेरे ही नाम पर करा कर दिये थे। शुक्रवार को जब मैं अपनी गाडी साफ कर रहा था, तब मैंने अचानक गाडी के इन्जन नम्बर और चेसिस नम्बर को चैक किया और उसका अपनी गाडी की आरसी से मिलान किया तो उसका इन्जन नम्बर अलग था। इस पर जब मैने नसीम से सम्पर्क करने की कोशिश की तो वह मुझे नही मिला।
उक्त तहरीर के आधार पर थाना हाजा पर मुअस 13/19 धारा 420/465/468 भादवि पंजीकृत किया गया।
उक्त प्रकरण की जांच के लिए एक पुलिस टीम गठित की गयी, जिसमें पतारसी सुरागरसी करते हुये संयुक्ट टीम द्वारा अभियुक्त नसीम अख्तर पुत्र मौहम्मद इस्माईल निवासी वारसीनगर जामामस्जिद के पास, थाना मुरादाबाद उ0प्र0, संजय कुमार पुत्र जसवन्त सिंह निवासी थाना नारायण गढ, जिला अम्बाला, हरियाणा हाल निवासी अमन बिहार, रायपुर और उपेन्द्र सकलानी पुत्र शक्ति प्रसाद निवासी कसोली, नैनबाग टिहरी हाल निवासी तपोवन एन्क्लेव, रायपुर देहरादून के कुठालगेट स्थित वीआईपी मोटर गैराज को चैक किया गया तो वहाँ से कुल चार वाहन कार डस्टर संख्या यूके12ए 8880, कार वैगनार संख्या यूए07एम 0815, कार अल्टो K10 मारुती सुजकी संख्या यूके 11 – 5998, कार वैगनार संख्या यूए 07 एच 5257, मय अभियुक्त गणो के बरामद किये गये। जिनको चैक करने पर उनके इन्जन नम्बर, आऱसी से भिन्न पाये गये। जिसके सम्बन्ध में अभियुक्त गणो द्वारा आपस में मिलीभगत कर उक्त अपराध को करना बताया गया।
पूछताछ में अभियुक्त नसीम अख्तर द्वारा बताया गया कि मैं मैकेनिक का कार्य करता हूँ और इस गैराज (वी0आई0पी0 मोटर गैराज) का मालिक हूँ। यह दोनो (संजय कुमार व उपेन्द्र सकलानी) मेरे पार्टनर है। संजय कुमार मुझे गाड़ियों के इंजन लाकर देता है और मैं उन इंजनों को पुरानी गाड़ीयों में फिट करके ग्राहकों को बेच देता हूँ। मै और ज्यादा पैसे कमाने के लिये तथा मकान बनाने के लिये मैं यह काम कर रहा था। मुझे इंजन व गाड़ी के पार्ट संजय कुमार उपलब्ध कराता था, जिसकी बाहर सैटिंग है। वह उनको सस्ते दामों में लाता था, ये इंजन व चेसिस चोरी के भी हो सकते है, इसकी मुझे जानकारी थी। मैं लालच में आ गया था ।
अभियुक्त संजय कुमार ने बताया कि मैं गाड़ीयों के इंजन व बॉडी कम दाम पर यूपी, मुजफ्फनगर से सलमान से व दिल्ली से तिलकनगर में दीदार सिंह व मायापुरी से खरीद कर लाता हूँ और यहाँ देहरादून में नसीम अख्तर को गैराज पर लाकर देता हूँ और नसीम इन इंजनों को पुरानी गाडीयों में फिट करके उनके इंजन नम्बर व चेसिस नम्बर बदलकर अन्य ग्राहकों को बडे दामों पर बेच देता था। ये हमारी गलती है, इससे पहले हरियाणा पुलिस द्वारा मुझसे इस मामले में पूछताछ की गयी थी परन्तु उन्हे कोई सबूत न मिल पाने के कारण मेरे खिलाफ कोई कार्यवाही नही हुयी थी। मैं लालच में आ गया था तथा हम ग्राहकों को यह नही बताते की हमारे द्वारा उनका फर्जी तरीके से इंजन बदला गया है।
अभियुक्त उपेन्द्र सकलानी ने बताया कि मेरी आरटीओ ऑफिस में अच्छी जान पहचान है और मेरे द्वारा उक्त गाड़ीयों को बिना फिजिकल निरीक्षण कराये ही उन गाड़ीयों के कागजात एक स्वामी से दूसरे स्वामी के नाम पर ट्रांसफर करा दिये जाते है। यह सब हम पैसे कमाने के लालच में करते है। मैं नसीम अख्तर को काफी पहले से जानता हूँ। इसके द्वारा लायी गयी गाडीयों के कागजात मैं ही बनवाता हूँ, जिन गाड़ीयों में इंजन नम्बर व चेसिस नम्बर अलग है, उनका कोई फिजिकल निरीक्षण नही करवाया जाता था। मेरी आरटीओं कार्यालय में कर्मचारी/ अधिकारीयों से सैटिंग है और उन गाडीयों के कागजात पैसे ले देकर आसानी से बन जाते थे।