देहरादून: जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमन्त्री हरीश रावत के स्टिंग, जिसमें विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले का स्टिंग प्रख्यात स्टिंगबाजों द्वारा अपने निजी स्वार्थों को लेकर किया गया था, को लेकर मोर्चा द्वारा न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें स्टिंगबाजों के अपराधिक आदि तमाम मामलों में सीबीआई जांच का आग्रह न्यायालय से किया गया था।
मामले में सुनवाई के दौरान माननीय उच्च न्यायालय की खण्डपीठ ने पीठ के समक्ष बेहद तल्ख टिप्पणी की थी कि ‘‘प्रदेश में कहीं ईमानदारी नजर नहीं आ रहे है’’ यानि प्रदेश आकंठ भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है।
नेगी ने कहा कि, स्वयं त्रिवेन्द्र रावत खनन, शराब, झूठे शपथ-पत्र, ढैंचा बीज घोटाले, भूमि खरीद इत्यादि मामलों में कई बार घिर चुके हैं तथा सीमित आय होने के बावजूद सीएम द्वारा करोड़ों रूपये मूल्य की सम्पत्ति खरीदी गयी है तथा कई बेनामी सम्पत्तियां भी अर्जित की हैं। त्रिवेन्द्र राज में रोजाना नये-नये घोटाले उजागर हो रहे हैं, जिससे सिद्ध होता है कि सीएम का वृह्दस्त घोटाले बाजों के ऊपर है।
नेगी ने कहा कि, माननीय न्यायालय की खण्डपीठ द्वारा की गयी टिप्पणी के उपरान्त सीएम त्रिवेन्द्र को सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं रह जाता। सीएम त्रिवेन्द्र न्यायालय की खण्डपीठ की भावनाओं का सम्मान करते हुए अपने पद से इस्तीफा दें।